माताडीह पंचायत में हर घर नल जल योजना में हुई जमकर लूट

बरमन्नी में पानी का जलमीनार के बदले वार्ड सदस्य ने बना डाला अपना आशियाना

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जीरो टॉलरेंस की नीति की उड़ रही खिल्ली

बिना कार्य कराए ही सरकारी राशि की हुई निकासी

निष्पक्ष जांच हुई तो मुखिया, पंचायत सचिव, वार्ड सदस्य, जूनियर इंजीनियर की हो सकती है जेल

शुद्ध पेयजल नहीं मिलने से ग्रामीणों में आक्रोश

डॉ शशि कांत सुमन
मुंगेर। मुंगेर जिले के धरहरा प्रखंड के नक्सल प्रभावित माताडीह पंचायत में सात निश्चय योजना के तहत बन रहे हर घर नल जल योजना में जमकर लूट हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विकास योजनाओं में जीरो टॉलरेंस नीति को पंचायत के निवर्तमान मुखिया, वार्ड सदस्य, पंचायत सचिव, एक्सक्यूटिव इंजीनियर, सहायक अभियंता, जूनियर इंजीनियर ने माखौल बना कर रख दिया है। योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल पर हुआ भी नहीं और संबंधित अधिकारी, जनप्रतिनिधि, कर्मचारी सरकारी सारी राशि की निकासी कर डकार गए है। अब जब पंचायत चुनाव का परिणाम सामने आने के बाद संबंधित अधिकारी, जनप्रतिनिधियों, पंचायत सचिव, वार्ड सचिव की सांसें फूलने लगी है। यदि माताडीह पंचायत में सात निश्चय योजना की निष्पक्ष जांच हुई तो कई जनप्रतिनिधियों के साथ संबधित पंचायत सचिव के साथ ही अधिकारी को भी जेल की हवा खाना निश्चित है। योजना का धरातल पर नहीं उतरने के कारण जहां ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पा रही हैं। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी कोसते नजर आ रहे है। ग्रामीणों के शिकायत पर जब संवाददाता ने इसकी हकीकत पड़ताल की तो खुलेआम हुई सरकारी राशि गबन कहानी खुल कर सामने आई गई।
पड़ताल-1
माताडीह पंचायत के आदिवासी बाहुल्य वार्ड नंबर 13 के बरमन्नी के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए वार्ड एवं क्रियान्वयन समिति को लाखों रुपए आवंटित किया गया। लेकिन इस राशि से पानी की टंकी नहीं बना करके मुखिया, पंचायत सचिव, जूनियर इंजीनियर की मिलीभगत से वार्ड सदस्य ने सरकारी राशि से अपना पक्का मकान बना लिया। समरसेबुल लगाया गया लेकिन गुणवत्ता की कमी के कारण बिना पानी की आपूर्ति किए ही खराब हो गया। कहीं भी गांव पानी सप्लाई के लिए पाईप अब तक नहीं बिछाया गया। बताया जाता है कि बिना कार्य कराए ही सारी राशि की निकासी कर मुखिया, पंचायत सचिव, वार्ड सदस्य हजम कर गए है। फलतः पंचायत चुनाव का कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद ग्रामीणों को एक बूंद भी पानी नसीब नहीं हो पा रहा है।

पड़ताल-2
वार्ड नंबर 9 के खिरियाटोला व गंगटी के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल के लिए लाखों रुपये की स्वीकृति दी गई है। नियमतः इसका क्रियान्वयन वार्ड एवं क्रियान्वयन समिति को करना चाहिए था। लेकिन इसका कार्य निवर्तमान मुखिया कर रही थी। इस योजना का पानी टंकी भी मुखिया अपने निजी जमीन में महल नुमा टंकी का निर्माण कर दी है। पाईप को तीन फीट गड्ढे के अंदर देने का प्रावधान है, लेकिन बमुश्किल से एक फीट भी पाईप के लिए गड्ढा नहीं खोदा गया है। निम्न गुणवत्ता का पाईप लगाया गया है, जिसके कारण ग्रामीणों के घरों तक पानी अब तक नहीं पहुंच पा रही है। गंगटी गांव में अब तक पाईप भी नहीं बिछाया गया है। हर घर मे तीन कनेक्शन देने का प्रावधान है। लेकिन एक घर मे एक ही कनेक्शन दिया गया है। पीतल टोटी देने का प्रावधान है, लेकिन हर जगह प्लास्टिक का टोटी लगाया गया है। बताया जाता है कि बिना कार्य पूर्ण किए ही मुखिया और पंचायत सचिव सारी राशि निकासी कर ली है। वार्ड 9 के दरियापुर में दूसरी यूनिट की स्वीकृति दी गई है। उस योजना में भारी लूट खसोट हुई है।

पड़ताल-3
वार्ड नंबर 8 में अब तक हर घर नल जल योजना का कार्य अधर में लटका हुआ है। अब तक ग्रामीणों को एक बूंद भी पानी नसीब नहीं हो सका है। दरियापुर मुशहरी में पाईप बिछाने कार्य भी अधर लटका हुआ है।

पड़ताल-4-

वार्ड नंबर 7 में हर घर नल जल योजना में बड़े पैमाने पर लूट खसोट हुआ है। पानी की दो टंकी लगाना था , लेकिन अब तक सिर्फ एक ही टंकी लगा है। वार्ड 4 और 2,3 में हर घर नल जल योजना का कार्य आज भी अधर में लटका हुआ है। निम्न गुणवत्ता वाले पाईप का इस्तेमाल किया गया है, जिसके कारण ग्रामीणों को नियमित रूप पानी नहीं मिल पा रही है।