✍️विनय कुमार गुप्ता की रिपोर्ट

🔴रुद्रपुर देवरिया। रविवार को
पीएम नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु में हेलिकॉप्टर हादसे में शहीद हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह पर भी बात की। प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि महाभारत के युद्ध के समय, भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कहा था- ‘नभः स्पृशं दीप्तम्’ यानि गर्व के साथ आकाश को छूना। ये भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य भी है। मां भारती की सेवा में लगे अनेक जीवन आकाश की इन बुलंदियों को रोज गर्व से छूते हैं, हमें बहुत कुछ सिखाते हैं। ऐसा ही एक जीवन रहा ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का..

वरुण सिंह भी मौत से कई दिन तक जांबाजी से लड़े, लेकिन फिर वो भी हमें छोड़कर चले गए। ” वरुण सिंह, उस हेलीकॉप्टर को उड़ा रहे थे, जो इस महीने तमिलनाडु में हादसे का शिकार हो गया | उस हादसे में, हमने, देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत कई वीरों को खो दिया। वरुण जब अस्पताल में थे, उस समय मैंने सोशल मीडिया पर कुछ ऐसा देखा, जो मेरे ह्रदय को छू गया।

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने अपनी असफलताओं पर बात की
पीएम ने कहा कि इस साल अगस्त में वरुण सिंह को शौर्य चक्र दिया गया था | इस सम्मान के बाद उन्होंने अपने स्कूल के प्रिंसिपल को एक चिट्ठी लिखी थी। वो चाहते थे कि जिस स्कूल में वो पढ़े, वहाँ के विद्यार्थियों की जिंदगी भी एक सेलिब्रेशन बने। इस चिट्ठी को पढ़कर मेरे मन में पहला विचार यही आया कि सफलता के शीर्ष पर पहुँच कर भी वे जड़ों को सींचना नहीं भूले। जब उनके पास सेलिब्रेट करने का समय था, तो उन्होंने आने वाली पीढ़ियों की चिंता की। अपने पत्र में वरुण सिंह जी ने अपने पराक्रम का बखान नहीं किया बल्कि अपनी असफलताओं की बात की। कैसे उन्होंने अपनी कमियों को काबिलियत में बदला जिसपर पूरे देश को गर्व है।
वरुण सिंह का ब्रह्मभोज उनके पैतृक गांव कन्हौली में 28 दिसंबर को सम्पन्न होगा जिसकी तैयारियों में उनके चाचा कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह से लगे हुए है जिसमे हजारो लोगो के पहुचने की उम्मीद हैं।