हाफिज ए कुरआन को कयामत के दिन एक अनमोल इनाम हासिल होगा

मुफ्ती सईद अहमद

🟥संत कबीर नगर ।

तहसील धनघटा अंतर्गत छितही गांव में स्थित अल्हाज हज़रत मौलाना मुनीर अहमद साहब की सरपरस्ती में चलने वाला मदरसा मोईनुल इस्लाम लगातार तरक्की के पथ पर अग्रसर नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। संत कबीर नगर के सबसे पुराने शिक्षण संस्थानों में से एक यह मदरसा किसी परिचय का मोहताज नहीं है। मदरसा में अनुभवी शिक्षकों द्वारा नौनिहालों को उर्दू,अरबी, हिन्दी,अंग्रेजी,गणित,विज्ञान, सामाजिक विज्ञान की बेहतर शिक्षा प्रदान की जा रही है। कारी अबुल कलाम, कारी

इरशाद अहमद की निगरानी में बच्चों को कुरान ए करीम की तालीम भी दी जा रही है। दोनों लोगों की अथक मेहनत का नतीजा है कि इस मदरसे से हर साल एक अच्छी तादाद में बच्चे हाफिज ए कुरआन बन कर निकल रहे हैं।
मदरसा के वरिष्ठ अनुभवी शिक्षक कारी अबुल कलाम की देखरेख में तालीम हासिल करने वाले ज़िला गोरखपुर के ग्राम बिलवार पोस्ट रॉय गंज निवासी 15 वर्षीय छात्र हाफिज मोहम्मद अफजल पुत्र मोहम्मद असलम ने अपने गांव ज़िला समेत मदरसा मोईनुल इस्लाम छितही का नाम रौशन करने वाला बड़ा कारनामा अंजाम दे डाला है। हाफिज मोहम्मद अफजल ने एक ही बैठक में पूरी कुरआन ए करीम सुनाने की उपलब्धि मदरसा प्रांगण में नव निर्मित मस्जिद ए मुनीर में हासिल की। कंठस्थ पूरी कुरआन को सुनने के लिए छितही गांव के बुजुर्ग हाफिज समीउल्लाह शेख और नौजवान तेज़ तर्रार आलिम हाफिज मोहम्मद अम्मार साहब मौजूद रहे।

मदरसा के नाजिम मुफ्ती सईद अहमद मजाहिरी साहब ने कारी अबुल कलाम साहब की इस दीनी खिदमात को सराहते हुए छात्र हाफिज मोहम्मद अफजल को मुबारकबाद पेश करते हुऐ एक दुआइया मजलिस का आयोजन भी किया। इस मौक़े पर उन्होंने कहा कि छात्र छात्राएं अपने अंदर बड़े बुजुर्गों अपने अभिभावक, शिक्षकों,कौम,मुल्क की इज्ज़त एहतराम और खिदमत का जज़्बा पैदा करें। समाज में फैली कुरीतियों को ख़त्म करने और राष्ट्र निर्माण में अपना शत प्रतिशत योगदान दे कर बेहतर नागरिक होने का सुबूत दें।
मुफ्ती सईद अहमद ने कहा कि कुरआन मजीद उम्मत ए मुस्लिमा के लिए एक अनमोल उपहार है, हाफिज ए कुरआन को कयामत के दिन एक प्रतिष्ठित सम्मान मिलेगा और वह जन्नत में सर्वोच्च स्थान पर आसीन होगा।
आयोजित प्रार्थना सभा में शेखुल हदीस कारी नफीस अहमद साहब, मौलाना निसार अहमद, कारी इरशाद अहमद, मौलाना अब्दुल गफ्फार काविश, हाफिज इमरान आलम, हाफिज अब्दुल करीम, हाफिज इस्लाम गनी मास्टर जमाल आदि मौजूद रहे।