ऑफिस वाले सीधे मुंह बात तक नहीं करते।

🛑महारजगंज
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड2022/ 23 का रिजल्ट आउट हो चुका है, हमेशा की तरह इस बार भी मदरसा बोर्ड ने अपनी लापरवाही दोहराते हुए दर्जनों उपस्थित छात्र-छात्राओं को अनुपस्थित दिखाते हुए उनके भविष्य को तबाह करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। जिसकी वजह से अनुपस्थित दिखाए गए छात्र / छात्राऐं कभी अपने मदरसा तो कभी परीक्षा केंद्र तो कभी अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालय का चक्कर लगाने पर मजबूर हैं। लेकिन उनका हाल जानने के लिए कोई तैयार नहीं दिखाई देता। ताजा मामला 29 अगस्त मंगलवार का है यहां सदर कोतवाली के एक गांव निवासी एक व्यक्ति ने जब अपनी बहन की अनुपस्थिति की शिकायत लेकर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के कार्यालय पहुंचा तो वहां के अधिकारी ने बड़ी बेरुखी से उसको टालते हुए कह दिया कि अब तो रिजल्ट आउट हो चुका है, अब कुछ नहीं हो सकता।
संवाददाता से बात करते हुए पीड़ित खालिद हसन ने बताया कि उसकी बहन अकबरुन निशा पुत्री अब्दुल हसन और गांव ही की एक दूसरी छात्रा रुखसार खातून पुत्री इमामुद्दीन ने जिला मुख्यालय पर स्थित मदरसा जामिया रिजविया नुरुल उलूम सिविल लाइन महराजगंज से कामिल प्रथम वर्ष का प्राइवेट फॉर्म भरा था परीक्षा के समय सेंटर दारुल उलूम अजीजीया मजहरूल उलूम निचलौल बाजार में चला गया ।फिर भी सख्त गर्मी में घर से लगभग 40 किलोमीटर पर स्थित परीक्षा केंद्र पहुंचकर छात्र-छात्राओं ने सभी पेपर का परीक्षा दिया लेकिन जब रिजल्ट घोषित किया गया तो दोनों छात्राओं को एक-एक विषय में अनुपस्थित दिखाकर फेल कर दिया गया। इस सम्बन्ध में जामिया नूरुल उलूम के क्लर्क मोहम्मद असलम खान से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि निचलौल मदरसा से हाजिरी चार्ट निकलवा कर अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के दफ्तर में जमा कर दें ,जो कुछ कमी होगी उसे सही कर दिया जाएगा ।पीड़ित व्यक्ति का आरोप है कि जब हम निचलौल सेंटर से सभी कागजात के साथ ऑनलाइन अनुपस्थित चार्ट लेकर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी नीरज कुमार के दफ्तर पहुंचे तो उन्होंने बड़ी सादगी के साथ यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया यह तो रिजल्ट आउट हो चुका है अब कुछ नहीं हो सकता जब कि अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को मालूम होना चाहिए कि अनुपस्थिति का पता रिजल्ट घोषित होने के बाद ही चलता है, दोबारा प्रयास करने पर अल्पसंख्यक अधिकारी ने कहा कि जाओ ऑफिस में देखो अगर लोगों के पास समय होगा तो कुछ कर देंगे, कार्यालय में पहुंचकर कार्यालय के बड़े बाबू से बात हुई फिर वह कंप्यूटर ऑपरेटर आशिक अली के पास भेजे वहां पहुंचते ही कंप्यूटर ऑपरेटर बिना कागजात देखे बरस पड़े और अभद्र व्यवहार के साथ कहने लगे क्या है यह? इसे लेकर मदरसा वालों के पास जाओ मेरे पास किस लिए आए हो? उसने यह भी कहा गया कि मैं परीक्षा केंद्र से सब कागजात लेकर आपके पास आया हूं फिर बड़ी सिफारिश के बाद सर सरी तौर पर देखते हुए यह कागज लाओ वह कागज लाओ तुम लोग बिना सोचे समझे चले आते हो,, पिड़ित व्यक्ति ने कहा है कि अगर 2 दिन के अंदर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के द्वारा लेटर बनाकर रजिस्ट्रार मदरसा शिक्षा बोर्ड उत्तर प्रदेश लखनऊ को नहीं भेजा जाता है तो हम जिला मजिस्ट्रेट से शिकायत करने पर मजबूर होंगे।अब हैरत की बात तो यह है कि मदरसा बोर्ड परीक्षा और उससे संबंधित त्रुटियों को दूर करने के लिए जब अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कार्यालय खुद नहीं संजीदा है तो दूसरे कार्यालय से क्या उम्मीद की जा सकती है? शायद यही वजह है कि मदारिस के छात्र छात्राओं की संख्या में हर साल बड़ी तेजी के साथ भारी गिरावट आ रही है। लेकिन विभाग के लोगों को इसका एहसास तक नहीं!