लिपिक की रसूखदारी के आगे नतमस्तक हो रहा है अल्पसंख्यक विभाग “

🟥धनघटा/संत कबीर नगर।
धनघटा तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत मड़हाराजा निवासी अरशद खान ने बताया कि उनके द्वारा पांच बिंदुओं की सूचना जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी संत कबीर नगर से मांगी गई थी। जिसमें से 03बिंदु की सूचना मदरसा बहरुल उलूम खलीलाबाद जिला संत कबीर नगर से संबंधित थी।
जनसूचना आवेदक ने बताया कि निर्धारित समयावधि बीत जाने के बाद भी जब उसे सूचना नहीं मिली तो उन्होंने उपनिदेशक अल्पसंख्यक कल्याण बस्ती मण्डल बस्ती के समक्ष प्रथम अपील प्रस्तुत कर सूचना प्राप्ति की सिफारिश किया।
जिसका त्वरित संज्ञान लेते हुए उपनिदेशक महोदय ने जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को तीन दिन के भीतर आवेदक को सूचना उपलब्ध कराने और अधोहस्ताक्षरी को भी एक प्रति प्रेषित करने का सख्त निर्देश दिया था। उक्त आदेश का हवाला देते हुए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने मदरसा प्रधानाचार्य बहरुल उलूम को पत्र जारी कर नियति अवधि में सूचना उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। लेकिन उक्त प्रधानाचार्य के लिए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी का यह आदेश कोई मायने नहीं रखता है।
यही कारण है कि 24सितंबर को ज़िला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कार्यालय द्वारा जारी पत्र का कोई असर मदरसा प्रधानाचार्य पर नहीं पड़ रहा है।
जनसूचना आवेदक अरशद खान ने आरोप लगाया है कि मदरसा बहरुल उलूम में तैनात लिपिक शफीकुर्रहमान उर्फ भोला के रसूख के आगे अल्पसंख्यक अधिकारी भी बेबस नजर आ रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक पूरे जनपद संत कबीर नगर के अनुदानित और गैर अनुदानित मदरसों के कागजाती कार्य मदरसा बहरुल उलूम के लिपिक भोला द्वारा ही संपादित किए जाते हैं।
अधिकांश अनुदानित मदरसों का वेतन बिल मदरसा बहरुल उलूम के लिपिक शफीकुर्रहमान उर्फ भोला द्वारा ही किए जाते हैं।
अल्पसंख्यक कार्यालय में उक्त की खूब चलती है।और प्रभावशाली होने के कारण अल्पसंख्यक अधिकारी भी कार्रवाई करने से हिचकिचाते हैं।
जनसूचना आवेदक ने बताया कि भ्रष्टाचार की पोल खुलने के भय और उक्त शफीकुर्हमान उर्फ भोला के प्रभाव के कारण अल्पसंख्यक अधिकारी भी सूचना देने में हीला हवाली कर रहे हैं।