🔴 सत्येंद्र यादव मथुरा

मोदी की महत्वकांक्षी योजना को बट्टा लगाते हुए बना दिया रिश्वतखोरी और मोटी कमाई का जरिया*

मथुरा– डूडा विभाग के जेई रिश्वतखोरी का ऑडियो जमकर वायरल हो रहा है वायरल वीडियो के अनुसार अधिकारियों के मध्य प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास की फाइल पास कराने हेतु रिश्वत के रुपयों का बंदरबांट होने की बात जेई द्वारा कहीं जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार डूडा विभाग में जब तक रुपए नहीं दिए जाते तब तक किसी की आवास फाइल पास नहीं होती है और लाभार्थी विभाग के चक्कर काटते-काटते घनचक्कर बन जाता है। एक ऑडियो के अनुसार जे.ई. द्वारा मोटी रकम लाभार्थियों से बटोरी जाती है और और उसके बाद उस पैसे का बंदरबांट किया जाता है वायरल ऑडियो के अनुसार डूडा विभाग के आला अधिकारियों को हर काम की अगल-अलग फीस निर्धारित है। प्रत्येक क़िस्त व फ़ाइल चार्ज 5-5 हज़ार, 1-1 हज़ार फ़ोटो करने व सफेदी डालने, 2-2 हज़ार रुपये अधिकारियों के व शपथपत्र व अनुबंधपत्र आदि के नाम पर अवैध वसूली/रिश्वत ली जाती है। ऐसा नही है कि ये बात नयी हो। डूडा विभाग ऐसी संलिप्ता के आरोपों के लिए सुर्खियों में बना रहा है। उक्त आरापों को सबूतों ने यकीन में तब बदल दिया जब डूडा विभाग के जे.ई. नरेंद्र चौधरी का रिश्वतखोरी के संबंध में ऑडियो वायरल हुआ है जिसमें वह स्वीकार कर रहा है कि दो-दो हज़ार रुपये प्रत्येक फ़ाइल पर तो 3 उच्च अधिकारी जिनमें डी.सी., सी.एल.डी.सी. और सी.ओ. के मध्य बटवारा होता है और ज़ोर देकर कहा कि कार्यालय में गिनती अनुसार प्रत्येक फाइल के पेमेन्ट पर इन अधिकारियों को 2-2 हज़ार चाहिए ही। वही एक ऑडियो भी सामने आया जिसमें पी.एम.ए.वायी. लाभार्थी सतोहा निवासी गिरधारी बता रहा है कि किस तरह जे.ई. नरेन्द्र चौधरी द्वारा अवैध रूप से व बतौर रिश्वत पहली किस्त पर 5 हज़ार, चूना डालने व शपथपत्र बनवाने के नाम पर 1-1 हज़ार रुपए लिए गए है।
अब देखना यह होगा कि इस अवैध वसूली/रिश्वतखोरी के खुलेआम धन्धे में प्रसाशन क्या कार्यवाही करता है।