रिपोर्ट :आशु शर्मा
जनपद: एटा
Mo.8445337066

न्यायालय के आदेशो की उड़ाई जा रही खुलेआम धज्जियां*

एटा -एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार के सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ तथा उत्तर प्रदेश सरकार भूमाफिया पर ताबड़तोड़ एक्शन मैं नजर आ रही है तो एक तरफ भूमाफिया जबरन पीड़ित की जगह तथा सुरक्षित छोड़ी गई रास्ता पर जबरन निर्माण कार्य दबंगई के बल पर करने केप्रयास में लगे हुए हैं जी हां सच है ऐसा ही मामला थाना अवागढ के मोहल्ला तिवारियान अवागढ का है जिसने गौरव वर्मा पुत्र चंद्र प्रकाश वर्मा की जगह पर विपक्षी गण पंकज कुमार व सोमेस पुत्रगण अशोक बांष्णेय जबरन सुरक्षित रास्ता पर अवैध निर्माण कार्य करने की फिराक में थे जिसमें पीड़ित द्वारा माननीय न्यायालय में मुकदमा सिविल जज जूनियर डिवीजन जलेसर एटा के यहां दायर किया जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा विपक्षी गणों को रास्ते पर अवैध निर्माण कार्य करने तथा अवरोध पैदा करने से पूरी तरह रोक दिया गया है किंतु फिर भी दबंग इतने बौखला गए हैं कि इन्हें ना कानून का डर ना पुलिस का खौफ फिर भी निर्माण कार्य न्यायालय के आदेश का उल्लंघन कर जबरन कर रहे जबकि पूर्व में उत्तर प्रदेश के एडी जी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने उत्तर प्रदेश के सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/ पुलिस अधीक्षक को न्यायालय के आदेश को कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए थे किंतु एटा पुलिस प्रशासन तथा थाना अवागढ़ पुलिस अनुपालन कराने में वेहद कोताही लापरवाही बरत रही है इसके साथ ही आपको बता दें कि जमीनी विवाद को लेकर उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में खूनी संघर्ष हो चुका है तथा जनपद सोनभद्र में 10 लोगों का नरसंहार भी हुआ था किंतु फिर भी थाना अवागढ़ पुलिस तमाशा हीन वनी हुई है न्यायालय के आदेश का कड़ाई से पालन नहीं करा रही है मामला एंटी करप्शन फ्रंट के संज्ञान में आया तो एंटी करप्शन फ्रंट ने गंभीरता से लेते हुए जनपद एटा पुलिस प्रशासन से लेकर शासन तक अवगत कराया जिसके बाद एटा पुलिस हरकत में आई और मौके पर पहुंचकर न्यायालय के आदेश का अनुपालन कराते हुए निर्माण कार्य को बंद करा दिया अगर पुलिस सख्ती से पेश आए तो परिंदे भी पर नहीं मार सकते किंतु पुलिस की लापरवाही की वजह से ही छोटी घटनाएं बड़ी घटनाओं में तब्दील हो जाती हैं एंटी करप्शन फ्रंट उत्तर प्रदेश के पुलिस के मुखिया डीजीपी यूपी मुकुल गोयल से अनुरोध करता है जो पुलिस कर्मचारी अधिकारी कानून व्यवस्था को लेकर लापरवाही बरते उनके विरुद्ध सख्त विधिक दंडात्मक कार्रवाई की जाए जिससे समय से पुलिस कर्मचारी गण पीड़ितों की समस्या में कोताही ना वरते तथा विधिक कार्रवाई करें