🟥रोहनिया वाराणसी– आराजी लाइन विकासखंड क्षेत्र के शाहंशाहपुर स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान में मंगलवार को आईआईवीआर की 25 वीं शोध परामर्शदात्री समिति की बैठक में सब्जी अनुसंधान में संस्थान द्वारा किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई। संस्थान के निदेशक डॉ टी के बेहेरा ने सब्जी अनुसंधान में नवीनतम जैवप्रौद्योगिकी तकनीकियों के उपयोग, फसल में कीटनाशी रसायनों के अपशिष्टों की पहचान, रोगरोधी एवं उच्चताप प्रतिरोधी किस्मों के विकास, सीड पोर्टल द्वारा किसानों को सीधे बीजों की उपलब्धता एवं अनुसूचित जाति-जनजाति के किसानों के हितरक्षण हेतु चलाये जाने वाले कार्यक्रमों पर विस्तृत जानकारी दी। समिति के अध्यक्ष डॉ टी ए मोरे ने सब्जी फसल उत्पादन में अधिकाधिक रूप से जल एवं पोषक तत्वों की उपयोग-दक्षता बढ़ाने, जैविक खेती को बढ़ावा देने, संरक्षित इंफ्रास्ट्रक्चर में फसलों के उत्पादन, एवं जलवायु परिवर्तन से उपजी सब्जी उत्पादन की समस्याओं एवं उसके बचाव के उपादानों पर कार्य करने की सलाह दी। अतिरिक्त महानिदेशक डॉ सुधाकर पांडेय ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के द्वारा सब्जी फसलों के उत्पादन पर आधुनिक शोध एवं विकास कार्यक्रमों जैसे जीनोम एडिटिंग द्वारा फसल गुणवत्ता में सुधार हेतु वित्तपोषित परियोजनाओं पर चर्चा की। विशेषज्ञ डॉ प्रतिभा शर्मा ने सब्जी फसलों में रसायनों के अधिकाधिक उपयोग को रोकने हेतु सूक्ष्मजीवों एवं बोटेनिकल के वैकल्पिक उपयोग को बढ़ावा दिए जाने पर जोर दिया। इस संदर्भ में निदेशक डॉ बेहेरा ने बताया कि संस्थान ट्राइकोडर्मा, बैसिलस कंसोर्टियम बीसी 6, बायो मिक्स, एवं एक्टिनोगॉर्ड जैसे सूक्ष्मजीव अनुकल्पों को विकसित करके किसानों को उपलब्ध करा रहा है। विशेषज्ञों ने विभिन्न शोध परियोजनाओं पर समीक्षात्मक विचार रखे और सलाह दी। बैठक में
महात्मा फूले कृषि विद्यापीठ के पूर्व कुलपति डॉ टी ए मोरे, आईसीएआर के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ सुधाकर पांडेय, डॉ एम प्रभाकर, डॉ प्रतिभा शर्मा, डॉ डी. पटनायक, डॉ सुबोध जोशी, एवं डॉ एन के पांडेय सहित संस्थान के विभागाध्यक्ष, पीएमई सेल चेयरमैन एवं वैज्ञानिक उपस्थित रहे।