राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर वरिष्ठ पत्रकार ने दी अतीत की जानकारी

🟥ANA/Indu Prabha

🛑खगड़िया। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार एवं समाज सेवी डॉ अरविन्द वर्मा ने मीडिया से कहा भारत में 04 जुलाई 1966 को प्रेस परिषद की स्थापना हुई थी और 16 नवम्बर 1966 को अपना काम शुरु किया था उसी दिन से हर वर्ष 16 नवम्बर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रुप में मनाया जाता है। आगे उन्होंने कहा राजा राम मनोहर राय प्रथम भारतीय थे, जिन्हें राष्ट्रीय प्रेस की स्थापना का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने सन् 1821 में अपने साप्ताहिक पत्र ” संवाद कौमुदी ” और सन् 1822 में फारसी पत्र ” मिरात-उल अखबार ” का प्रकाशन कर भारत में प्रगतिशील राष्ट्रीय प्रवृति के समाचार पत्रों का शुभारंभ किया था। डॉ वर्मा ने कहा भारतीय प्रेस परिषद एक संविघिक स्वायत्तशासी संगठन है जो प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करने व उसे बनाए रखने, जन अभिरूचि का उच्च मानक सुनिश्चित करने से और नागरिकों के अघिकारों व दायित्वों के प्रति उचित भावना उत्पन्न करने का दायित्व निभाता है। सर्वप्रथम इसकी स्थापना ४ जुलाई सन् १९६६ को हुई थी। अध्यक्ष परिषद का प्रमुख होता है जिसे राज्यसभा के सभापति, लोकसभा अघ्यक्ष और प्रेस परिषद के सदस्यों में चुना गया एक व्यक्ति मिलकर नामजद करते हैं। आगे उन्होंने कहा परिषद के अघिकांश सदस्य पत्रकार बिरादरी से होते हैं लेकिन इनमें से तीन सदस्य विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, बार कांउसिल ऑफ इंडिया और साहित्य अकादमी से जुड़े होते हैं तथा पांच सदस्य राज्यसभा व लोकसभा से नामजद किए जाते हैं – राज्य सभा से दो और लोकसभा से तीन। डॉ वर्मा ने कहा प्रेस परिषद, प्रेस से प्राप्त या प्रेस के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों पर विचार करती है। परिषद को सरकार सहित किसी समाचार पत्र, समाचार एजेंसी, सम्पादक या पत्रकार को चेतावनी दे सकती है या भर्त्सना कर सकती है या निंदा कर सकती है या किसी सम्पादक या पत्रकार के आचरण को गलत ठहरा सकती है। उन्होंने यह भी कहा परिषद के निर्णय को किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती। डॉ अरविन्द वर्मा ने देश के तमाम पत्रकारों से आग्रह किया कि किसी भी हालत में पीत पत्रकारिता नहीं करें। चौथे स्तंभ की मान मर्यादा को बरकरार रखें।