✍️रिपोर्ट सत्येंद्र यादव

🟠वृंदावन- छटीकरा मार्ग स्थित श्री कृष्ण जन्माष्टमी आडोटोरियम में रविवार से ख्याति प्राप्त कथा प्रवक्ता श्री गिरीशानंद सरस्वती जी महाराज की भागवत कथा का शुभारंभ श्री राधा गिरधरगोपाल मंदिर से भव्य कलश शोभायात्रा के साथ हुआ। शोभायात्रा में महिलाएं सिर पर कलश धारण कर भजन कीर्तन करते हुए चल रही थीं। राधा कृष्ण के युगल स्वरूप की झांकी ने भक्तों का मन मोह लिया। व्यासपीठ का पूजन अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त साध्वी दीदी मां ऋतंभरा ने विधि विधान से किया। इस अवसर पर दीदी मां ऋतंभरा ने कहा सब आनंद की वर्षा से अपने चित्त को भिगोने का अवसर पा रहे हैं। बहुत धन्य करती है भगवती गंगा जब हम डुबकी लगाते हैं फिर चित्त में कृतज्ञता पैदा होती है और गंगा जी को धरती पर लाने वालों के प्रति जब उनका स्मरण आता है तो वह गंगा नहीं भागीरथी बन जाती। व्यासपीठ से भक्तों को संगीतमय में भागवत कथा का रसापान कराते हुए भागवत प्रवक्ता गिरीशानंद सरस्वती महाराज ने कहा कार्तिक मास में वृंदावन की धरा पर श्रीमद् भागवत कथा सुनने से मनुष्य सारे पापों से तर जाता है। भागवत की महिमा अद्भुत है। इस अवसर पर स्वामी मुक्तानंद पुरी महाराज, उमा शक्ति पीठ के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर एन द्विवेदी राजू भैया , संजीव टेकरीवाल खेतान जी ,केसरिया हिंदू वाहिनी से पंडित उत्तम शर्मा उपस्थित रहे।आयोजक परिवार सुशील मुरारका, सीमा मुरारका, चित्रांक मुरारका, आयुषी मुरारका ,विकास नानोलिया, तनुश्री नानोलिया ,बाबूलाल शंभू दयाल पवन मुरारका ने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत व अभिनंदन किया।