*श्रीकृष्ण बाल लीला का वर्णन सुन श्रद्धालु हुये मंत्रमुग्ध।*

🛑वाराणसी-हरहुआ क्षेत्र के करोमा ग्राम में गया श्राद्ध के उद्यापन के अवसर पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन श्रीकृष्ण बाल लीला,कालियामसन मर्दन तथा गोवर्धन पूजा का सुंदर चित्रण किया गया। बख्सा जौनपुर से पधारे प्रख्यात कथावाचक बनवासी महाराज ने बुधवार को भगवान श्रीकृष्ण की बाललीला, माखन चोरी तथा गोवर्धन पूजा की कथा श्रद्धालुओं को सुनाई। उन्होंने कहा कि भगवान की लीलाएं मानव जीवन के लिए प्रेरणादायक हैं। भगवान कृष्ण ने बचपन में अनेक लीलाएं की। बाल कृष्ण सभी का मन मोह लिया करते थे। नटखट स्वभाव के चलते यशोदा मां के पास उनकी हर रोज शिकायत आती थी। माता यशोदा बाल कृष्ण से कहती हैं कि प्रतिदिन तुम माखन चुरा के खाया करते हो,इतना सुनते ही वह तुरंत अपना मुंह खोलकर मां को दिखा देते हैं कि मैंने माखन नहीं खाया। बनवासी महाराज ने कहा कि भगवान कृष्ण अपनी सखाओं और गोप-ग्वालों के साथ गोवर्धन पर्वत पर गए थे। वहां पर गोपिकाएं 56 प्रकार का भोजन रखकर नाच गाने के साथ उत्सव मना रही थीं। कृष्ण के पूछने पर उन्होंने बताया कि आज के ही दिन देवों के स्वामी इंद्र का पूजन होता है। इसे इंद्रोज यज्ञ कहते हैं। इससे प्रसन्न होकर इंद्र व्रज में वर्षा करते हैं,जिससे प्रचुर अन्न पैदा होता है। भगवान कृष्ण ने कहा कि इंद्र में क्या शक्ति है। उनसे अधिक शक्तिशाली तो हमारा गोवर्धन पर्वत है। इसके कारण ही वर्षा होती है,अत: हमें इंद्र से बलवान गोवर्धन की पूजा करनी चाहिए। बहुत वाद विवाद के बाद श्री कृष्ण की यह बात मानी जाती है और व्रज में गोवर्धन पूजा की तैयारियां शुरू हो जाती है। कथा के दौरान श्रद्धालु भक्त भक्ति के सागर में गोता लगाते दिखे। कथा के अंत में मुख्य यजमान विजय बहादुर सिंह सहित पूरे चंदेल परिवार आरती में भाग लिया। इस मौके पर अवध बहादुर सिंह,जंग बहादुर सिंह जी,अरविंद सिंह, दिनेश सिंह,संतोष सिंह,अशोक सिंह,सतीश सिंह,दीपक सिंह,प्रशांत सिंह,लवलेश सिंह,शुभम आदित्य सिंह,अनुज सिंह अनूप सिंह सहित समस्त ग्रामवासी उपस्थित रहे।