🔴ANA/Arvind Verma

⭕खगड़िया (बिहार)। अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक केन्द्र के प्रवक्ता दिव्यांश दूबे (वाराणसी) ज्योतिष ने एक भेंट में इस मीडिया से कहा इस वर्ष दीपावली का पर्व 12 नवंबर को पड़ रहा है।11नवंबर को नरक चतुर्दशी(छोटी दीपावली) और 10 नवंबर धनत्रयोद्शी(धनतेरस)का पर्व है।शास्त्रों के मान्यतानुसार इस दिन ही

भगवान धनवंतरि का प्रदुर्भाव हुआ था।जो अपने एक हाथ में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। आगे उन्होंने कहा इस समय जो व्यक्ति अन्यान्य बीमारियों से परेशान हैं वो भगवान धनवंतरी का पूजन करके उनसे प्रार्थना करें की आपकी कृपा से हमारी जो भी औषधियां(दवाएं) हैं वो सब रोगों का

शमन करें। आपकी कृपा से हम सभी निरोगी हों।धनतेरस को ही धन के देवता कुबेर भगवान का भी पूजन किया जाता है। इस दिन जहां भी अपना कोषागार है वहां पर कुबेर का पूजन करने से उनकी कृपा सदैव बनी रहती है। इस दिन विधि विधान से पूजन करने वाला अपने कार्यों में सफलता अवश्य ही सफलता प्राप्त करता है।12 नवंबर को दिन सोमवार को दीपावली एवं

13 नवंबर को सोमवार व अमावस्या का संयोग होने से सोमवती अमावस्या भी है। प्रातः काल में घर से दरिद्रता को निकलने के पश्चात् स्नान करें एवं पीपल के पेड़ में जल देकर कच्छा सूत्र लपेटकर उनकी यथा विधि पूजन करें।ऐसा करने से शनि का प्रकोप

जिसके कुंडली में है,उससे शांति मिलेगी और रुके कार्यों में भी सफलता प्राप्त होगी। आगे ज्योतिष दिव्यांश ने कहा शनि ग्रह से शांति के लिए सरसों के तेल में मुंह की छाया को देखें और चार मुंह की बत्ती जलाकर पीपल के पास अवश्य रख दें।