खंड विकास अधिकारी ने पूर्व प्रधान प्रतिनिधि से कि थी बदसलूकी

🟥अविनाश जायसवाल 9918214226

🟥संतकबीरनगर जिले के नाथनगर ब्लॉक का मामला 60-40 अनुपात को तोड़कर मनरेगा की पक्की परियोजनाओं की स्वीकृति देने, बिना पर्यवेक्षण किए पक्की परियोजनाओं का आंख मूंद कर भुगतान करने, रिलेटिव फर्म का मोटा नजराना लेकर होल्ड हटवाने, मनरेगा सेल से मिलकर भ्रष्टाचार को बढ़ाने के लिए ग्राम पंचायतों की आईडी पासवर्ड रोकने और शासन की जागरूकता योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल  कर खानापूर्ति करने जैसे कई गंभीर आरोपों से घिरे नाथनगर बीडीओ फरियादी से लेकर प्रधान प्रतिनिधि और पत्रकारों तक से भी उलझ जा रहे हैं।

 

मनरेगा मजदूर अगर अपनी समस्या लेकर बीडीओ कार्यालय पहुंचा तो दुत्कार कर भगा दिया गया। प्रधान प्रतिनिधि मजदूरों की समस्या लेकर पहुंचा तो उसके साथ भी दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा। नाथनगर ब्लॉक क्षेत्र की आवाम को सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने का जिम्मा उठाने वाले साहब आखिर अपनी जिम्मेदारियों से क्यों मुंह मोड़ रहे हैं? इस सवाल का जवाब आज ब्लॉक क्षेत्र की आवाम पूछने लगी है। सरकार और जिले के उच्चाधिकारियों के दिशा निर्देश की धज्जियां उड़ाने की जब हिंदी दैनिक राष्ट्रीय सहारा के पत्रकार ने खबर छापी तो गुरुवार को साहब ने पहले पत्रकार को फोन पर धमकाने की कोशिश किया लेकिन जब उनकी धौंस को रौंद कर पत्रकार जब उक्त तानाशाह बीडीओ की तानाशाही का विरोध करते हुए ब्लॉक में उनके पास पहुंच गया तब भी साहब का अंदाज किसी कोतवाल से कम नही था। ग्रामीणों का कहना है कि जब मौजूदा बीडीओ की नाथनगर ब्लॉक में तैनाती हुई और टाइम से साहब अपने कार्यालय में बैठने लगे तो लोगों के दिलों में उनकी न्यायप्रिय अधिकारी की छवि बनने लगी। आरोप है कि साहब कार्यालय में बैठते तो बड़े टाइम से हैं लेकिन फरियाद सुनने की जगह फरियादियों को फटकार कर बाहर कर देते हैं। ब्लॉक सूत्रों का कहना है कि बिना पर्यवेक्षण के मनरेगा की पक्की परियोजनाओं का करोड़ों भुगतान करने वाले साहब प्रधानों की बेरुखी का गुस्सा पत्रकारों से लेकर फरियादियों और उनके प्रतिनिधियों तक पर उतार रहे हैं। हालात पर नजर रखने वालों की मानें तो अगर साहब की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं हुआ तो नाथनगर ब्लॉक में एक बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार हो सकती है। जिससे विकास कार्यों से लेकर शासन की तमाम योजनाएं भी प्रभावित हो सकती हैं।