*नारीवादी संगठन ‘दख़ल’ ने आज अम्बेडकर पार्क कचहरी पर पहलवानो की मांग के समर्थन में दिया धरना। पीएम को सम्बोधित पाँच सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।*

🟥वाराणसी: दिनांक 5 मई 2023 को दखल संगठन ने अम्बेडकर पार्क कचहरी पर दिल्ली में जंतर मंतर में पहलवानो के चल रहे आंदोलन के समर्थन में धरना दिया।

दख़ल संगठन की ओर से धरना स्थल पर हस्ताक्षर अभियान कराया गया। यौन उत्पीड़न की घटना से जुड़े तथ्यों से अवगत कराते हुए एक पर्चा भी बांटा गया।

ज्ञातव्य है कि गत 23 अप्रैल से नई दिल्ली में जंतर मंतर पर देश की जानी मानी महिला कुश्ती पहलवान धरने पर बैठी हुई हैं। उनका आरोप है कि लम्बे समय से भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद पर कब्जा किए हुए बृज भूषण सिंह ने नाबालिग खिलाड़ी सहित कई कुश्ती खिलाड़ियों के साथ यौन दुराचार और शोषण किया है।
बृजभूषण सिंह बीजेपी के लंबे समय से सांसद हैं। इसके पूर्व इसी साल 2023 जनवरी में ये खिलाड़ी इन्ही आरोपों को लेकर सामने आए थे। तब जांच और कार्यवाही का आश्वासन दिया गया था।

धरना के बाद प्रधानमंत्री को सम्बोधित पांच सूत्रीय निम्नलिखित मांग का ज्ञापन पत्र सौंपा गया :-

1 – बृज भूषण शरण सिंह को भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद से हटाया जाए।

2 – पॉस्को सहित यौन शोषण की गम्भीर धाराओं में अभियुक्त दबंग बीजेपी सांसद को तत्काल जेल भेजा जाए ताकि जाँच प्रभावित न हो ।

3 – न्यायिक जाँच निष्पक्ष हो और शिकायतकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो।

4 – खेल संघों में ICC ( आंतरिक जांच समिति ) का गठन अनिवार्य हो।

5 – खेल संघो में राजनैतिक दखलंदाजी बन्द हो। खेल संघ में मुख्य कार्यकारी पदों पर खिलाड़ी ही बैठें।

महिला हिंसा बंद करो ! तोड़ो तोड़ो चुप्पी तोड़ो ! खिलाड़ियों को खेलने दो ! कुश्ती बचाओ कुश्ती बढ़ाओ ! खेल संघो में दखलंदाजी बन्द करो ! खिलाड़ी एकता ज़िंदाबाद ! आदि नारे लिखे प्लेकार्ड लहराए गए और नारे लगाए गए।

धरनास्थल पर वक्ताओं ने कहा कि सवाल ये है कि आखिर प्रधानमंत्री जी चुप क्यों हैं? आपराधिक छवि वाले और संगीन आरोप झेल रहे नेता के खिलाफ कदम क्यों नहीं उठाते ?

महिला पहलवानों द्वारा लगाये गए आरोप सामान्य नहीं हैं। आरोप ऐसे हैं कि किसी भी संवेदनशील इंसान का दिल दहल उठे, किसी भी देशभक्त का सिर झुक जाए।

आरोप है कि यौन शोषण में केवल एक व्यक्ति नहीं, कुश्ती फेडरेशन के अनेक कोच भी शामिल हैं। आरोप है कि इनके शिकारों में नाबालिग बच्चियाँ भी शामिल रही हैं। यह आरोप लगाने वाली कोई एक महिला नहीं बल्कि अनेक महिला खिलाड़ी हैं। आरोप की गंभीरता स्वयं सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार की है। आरोप यह भी है कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शिकायत दो साल पहले सीधे प्रधानमंत्री को स्वयं साक्षी मलिक ने की थी।

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यह पहला आरोप नहीं है। 6 बार लोकसभा के सदस्य रह चुके बृजभूषण के चुनावी हलफनामे में उनके आपराधिक रिकॉर्ड की कहानी दर्ज है।

सांसद महोदय खुद अपने अपराध को स्वीकार करते हैं। पिछले साल कैमरा के सामने एक न्यूज़ पोर्टल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, “मेरे जीवन में मेरे हाथ से एक हत्या हुई है, लोग जो कुछ भी कहें, मैंने एक हत्या की है।”

इधर बीच यौन उत्पीड़न बलात्कार आदि के मामले में सरकार की अजब सी चुप्पी है। हाथरस, कठुआ उन्नाव या गुजरात की बिलकिस बानो जैसी महिलाओं के विरुद्ध बलात्कार या शोषण की तमाम घटनाओं पर सकरार अजीब चुप्पी साधे रखी रही है।

‘बेटी बचाओ’ का नारा देनेवाली बीजेपी नाबालिग लड़की द्वारा यौन शोषण का आरोप लगाये जाने के बावजूद बृजभूषण को अभयदान क्यों दे रही है ?

इन खिलाड़ियों को भारत का गौरव बताने वाले मोदी जी बृजभूषण शरण सिंह को कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से हटाने जैसी सामान्य कार्रवाई से क्यों झिझक रहे हैं ?

इस प्रश्न के दो ही उत्तर हो सकते हैं। या तो राजनीतिक मजबूरी का मामला है, या फिर नैतिक कमजोरी का।

क्या देश का ‘सबसे लोकप्रिय और ताकतवर’ नेता कुछ स्थानीय क्षत्रपों के सामने इतना निरीह है ? आखिर बृजभूषण किस बूते पर यह धमकी देते हैं कि ” मैंने मुँह खोला तो सुनामी आ जाएगी ? ” जो नरेन्द्र मोदी भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं को किनारे लगा चुके हैं वह इन छुटभैया नेताओं के सामने मजबूर क्यों हैं ? और अगर इतने ही मजबूर हैं तो फिर किस मुँह से राष्ट्र-गौरव और बेटी बचाओ की बात करते हैं?

हम नहीं जानते कि प्रधानमंत्री के मन में क्या है और आशा यही करनी चाहिए कि यह सच नहीं है। लेकिन क्या साक्षी मलिक के आँसू, बृजभूषण की ढिठाई और प्रधानमंत्री की चुप्पी को देखनेवाली करोड़ों भारतीय महिलाओं को ऐसा महसूस नहीं होगा ? जब तक प्रधानमंत्री अपनी चुप्पी नहीं तोड़ेंगे तब तक हम सवाल उठाते रहेंगे।

धरनास्थल पर प्रेरणा कला मंच वाराणसी के ओर से नारीवादी चेतना के गीत गाये गए और नारे लगाए गए।

धरना देने वालों में प्रमुख रूप से,मैत्री, रैनी,शिवांगी, दीक्षा,शबनम,सना,रंजू,झूला,राजेश,अनुज,शानिया, एकता,जागृति,मुनिजा,डॉ. आरिफ,वल्लभाचार्य पाण्डेय,रवि,धन्नजय,मुस्तफा,अनूप,मुकेश,महेंद्र इत्यादि मौजूद रहे।