बिहार में नगर निकायों की तैयारी शुरू, शहरों में होने लगी चुनावी चर्चा

पहली बार मेयर, उपमेयर का चुनाव करेगी सीधे जनता

संभावित उम्मीदवार सोशल मीडिया में ठोकने लगे ताल

अप्रैल में हो सकती है चुनाव, जल्द होगी चुनाव की तारीख की घोषणा

🟥डॉ शशि कांत सुमन
पटना। नगर निकायों में पहली बार मेयर और उपमेयर की सीधे जनता के द्वारा चुने जाने की घोषणा होते ही शहरों में चुनावी चर्चाएं जोर पकड़ ली है। वहीं संभावित प्रत्याशियों ने क्षेत्रों में जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया। ऐसे संभावित प्रत्याशी सोशल मीडिया में पोस्ट डालकर दावेदारी पेश कर रहे हैं। इसके साथ ही बिहार में नगर निकाय चुनाव की तैयारी चुनाव आयोग ने शुरु कर दी है। बता दें कि नगर निगम में मेयर, डिप्टी मेयर का चुनाव होता है। यह चुनाव पहले जीते हुए वार्ड पार्षदों के द्वारा किए गए मतों के द्वारा मेयर, उपमेयर का चुनाव होता था लेकिन अब मेयर और डिप्टी मेयर को सीधे जनता चुनेगी। इसके अलावा नगर परिषद और नगर पंचायतों के मुख्य पार्षद एवं उप मुख्य पार्षद के भाग्य का फैसला भी अब सीधे जनता करेगी। राज्य सरकार के द्वारा बिहार नगरपालिका (संशोधन ) अध्यादेश 2022 अधिसूचित कर दिया गया है। यह संशोधित कानून बिहार के सभी 263 नगर निकायों में लागू होगा। बिहार में नगर पालिका चुनाव की डुगडुगी बजने ही वाली है ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग भी अपनी तैयारी में जुट चुका है। अब चुनाव की घोषणा किसी वक्त चुनाव चुनाव आयोग कर सकती है। चुनाव के मद्देनजर नये गठित वार्डों के प्रारूप का प्रकाशन हो चुका है। दावा आपत्तियां लेने की तैयारी अब शुरू हो चुकी है। मार्च तक इस काम को पूरा करना है। वहीं चुनाव की घोषणा अप्रैल में हो सकती है और मई के अंतिम सप्ताह तक चुनाव कराये जाने की संभावना है। बता दें कि मेयर-डिप्टी मेयर समेत अन्य पदों पर होने वाले इस बार के नगरपालिका चुनाव में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। पहली बार जनता सीधे नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर के अलावा नगर परिषद एवं नगर पंचायत के मुख्य पार्षद एवं उप मुख्य पार्षद चुनेगी। इससे पहले यह अधिकार चुनाव में जीतकर जाने वाले पार्षदों की होती थी। जिसमें पैसों का खेलबेल और राजनीतिक पहुंच के साथ ही बाहुबलियों की भी भूमिका अपरोक्ष से निभाती थी। लेकिन सरकार ने एक अध्यादेश लाकर इस व्यवस्था को बदल दिया। नगरपालिका कानून में धारा 23(1) और धारा 25 के तहत बदलाव किया गया है। इसके अलावा अलावा अविश्वास प्रस्ताव को भी बदल दिया गया है। जनता के द्वारा सीधे चुनकर आए मेयर और डिप्टी मेयर अब सीधे सरकार को अपना इस्तीफा सौंपेंगे।