डॉ शशि कांत सुमन
पटना। बिहार सरकार अब जमीन रजिस्ट्री कराने की व्यवस्था में बड़ा बदलाव करने जा रही है। नई व्यवस्था को लेकर फिलहाल प्रयोग किया जा रहा है जिसके मुताबिक रजिस्ट्री में थोड़ी देर होगी, लेकिन रजिस्ट्री के साथ म्यूटेशन भी हो जाएगा। इस प्रयोग के लिए सरकार ने शेखपुरा जिले के एक गांव को चुना है। इस काम के लिए सरकार आइआइटी रूड़की की मदद ले रही है। बताया जा रहा है कि इस प्रयोग के लिए रजिस्ट्री के लिए कोई आदमी अर्जी देगा तो सबसे पहले सर्वेयर या अमीन जमीन के प्लॉट पर जाएंगे। वह बिकने वाली जमीन के प्लाट का नक्शा बनाएंगे। सर्वेयर या अमीन के प्लॉट पर जाने की सूचना जमीन बेचने और खरीदने वाले को दी जाएगी। उनकी मौजूदगी में चौहद्दी, खाता, खेसरा और रकबा के साथ प्लॉट का नक्शा बनेगा। वह रजिस्ट्री के साथ लगेगा। उसके बाद अंचलाधिकारी म्यूटेशन का प्रमाण देंगे। बता दें कि अभी म्यूटेशन में कागज पर नए खरीददार का नाम दर्ज हो जाता है। बदलाव यह होगा कि दस्तावेज में कागज पर नाम परिवर्तन के साथ प्लॉट का नक्शा (स्पेसियल मैप) और फोटो भी रहेगा. खाता, खेसरा और रकबा भी फोटो में रहेगा। इससे चौहद्दी का विवाद समाप्त होगा। रजिस्ट्री के बाद म्यूटेशन कराने की बड़ी फजीहत से भी लोग बचेंगे। रजिस्ट्री के समय म्यूटेशन का नक्शा देने वाला बिहार देश का पहला राज्य बन जाएगा।

आइआइटी रुड़की की टीम ने बताया कि इस प्रक्रिया से कम मानव बल और न्यूनतम समय में म्यूटेशन हो जाएगा. शेखपुरा जिला के घाट कुसुम्बा प्रखंड के किसी गांव में इसका प्रयोग किया जाएगा. विभाग की ओर से टीम को उस गांव का नक्शा और जमीन के स्वामित्व का पूरा ब्यौरा दिया जाएगा. टीम को 15 दिन का समय दिया गया है. टीम उस गांव में प्रयोग कर सरकार को बताएगी कि राज्य के अन्य गांवों में इसे कैसे लागू किया जाएगा.