✍️विवेक पांडे की रिपोर्ट

🔴कोतवालीथाना अंतर्गत संत कबीर नगर स्थित ग्राम पंचायत ब्यारे निवासी दिलीप यादव पुत्र मोती लाल यादव बीते दिनांक 24 चार 2022 को प्रार्थी अपनी पत्नी सुनीता देवी का इलाज कराने के लिए गांव के निकट आनंदा अस्पताल पे पहुंचा और डॉक्टर राजेश निषाद को अपनी पत्नी को हो रही समस्याओं को अवगत कराया और तुरंत ही डॉक्टर के सलाह के अनुसार महिला को केडीसी पैथोलॉजी में जांच के लिए खलीलाबाद भेजा गया महिला का जांच होने के बाद रिपोर्ट मिलते ही तुरंत मौके पर महिला आनंदा अस्पताल मगहर पहुंच गई डॉक्टर ने फिर रिपोर्ट को देखते हुए कहां की महिला के गुर्दे में 18एमएम की पथरी है, और इनका ऑपरेशन करना पड़ेगा लेकिन कुछ देर सोचने विचारने के बाद डॉक्टर साहब ने वापस पुनः जांच के लिए माही डायग्नोस्टिक सेंटर खलीलाबाद संत कबीर नगर भेज दिया गया और दूसरी रिपोर्ट आने के बाद रिपोर्ट को देखते ही 24,04,2022 को ही महिला को आनंदा अस्पताल में भर्ती कर लिया गया फिर पूरा दिन 25 तारीख को महिला को गुलकोज वगैरह चढ़ाया गया दूसरी रिपोर्ट के अनुसार 26,04, 2022 को डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए सुबह। 9:00 बजे की टाइम दे दिए लेकिन किसी कारणवश 26 तारीख को महिला का ऑपरेशन नहीं किया गया और फिर वापस ऑपरेशन के लिए 27,04 2022 को सुबह 9:00 का समय दे दिया गया लेकिन 27,04,2022 को

परिजनों का आरोप है बिना जिम्मेदार परिजनों की उपस्थिति में सुबह 9:00 बजे के बजाय सुबह 5:00 बजे ही डॉ राजेश द्वारा प्रार्थी की पत्नी सुनीता का ऑपरेशन किया गया उसी दौरान उनकी मृत्यु हो गई उसके पश्चात अस्पताल के बगल के सेमरा निवासी वर्तमान प्रधान के पास चार पहिया वाहन के लिए कॉल किया जाता है। लेकिन प्रधान की चार पहिया वाहन खाली ना होने पर वापस अस्पताल से सुनीता देवी के परिजनों के पास फोन जाता है और उनसे कहा जाता है कि आप जल्द ही अस्पताल आइए मरीज की हालत अत्यधिक खराब हो गई है उन्हें तत्काल गोरखपुर मेडिकल कॉलेज ले जाना है
यह सुनते ही आनन-फानन में परिजन जब वहां पहुंचते हैं हॉट डॉक्टर राजेश से यह पूछते हैं कि डॉक्टर साहब इन्हे क्या हो गया तो वही डॉक्टर द्वारा बताया जाता है कि महिला को हार्ट अटैक आया था और इसी वजह से तत्काल इन्हें मेडिकल कॉलेज ले जाना जरूरी है। यह सुनते ही महिला के परिजन जब तक कुछ सोचते और पूछते तब तक अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा के परिजन के गाड़ी में ही महिला को पीछे वाली सीट पर लेटा दिया जाता है और उन्हें मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर कर दिया जाता है वहां मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर जांच करके महिला को मृतक घोषित करने के बाद मृतक सुनीता देवी की लाश को बिना पोस्टमार्टम किए ही परिजनों को सौंप दी जाती है

विदित है कि प्रार्थी द्वारा अपनी मृतक की पत्नी लाश को लेकर जब अपने घर आता है उस दौरान गांव की भीड़ इकट्ठा हो जाती हैं और पूरे गांव में मातम छा जाता है।वही परिजन के गांव के अन्य महिलाओं के द्वारा मृतक पत्नी की लाश को ढके कपड़े को हटाकर देखने पर पता चलता है कि प्रार्थी की पत्नी का ऑपरेशन किया गया है इस दौरान भारी भीड़ के साथ मृतक महिला की लाश को तुरंत आनंदा हॉस्पिटल मगहर में लाया गया। और वहां के डॉक्टर ने पुलिस बुलाकर पुलिसिया अंदाज में भीड़ को हटाने के लिए बल का प्रयोग भी किया और भीड़ पर काबू पाने के बाद किसी तरह लाश को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया जाता है।
परिजन कहते हैं की राजनीतिक पहुंच व प्रशासनिक मदद होने के नाते 10 दिन का समय बीत जाने के बाद भी प्रार्थी को पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिलती है परिजनों को यह भी नहीं पता चल पाता है कि उसके पत्नी की मृत्यु कैसे हुई हैं। मृतक पत्नी के पति दिलीप यादव ने बताया की हर रोज थाने और अस्पताल परिसर का चक्कर काटने के बाद मुझे कोई भी सुराख नहीं मिल पाया की मेरी पत्नी की मृत्यु कैसे हुआ प्रार्थी ने यह भी बताया कि डॉक्टर ने तो यह कहा था कि हार्ट अटैक आने के वजह से आपकी पत्नी की तबीयत सीरियस हुआ था

आखिरकार सोचने वाली बात तो यह की ऑपरेशन की वजह से प्रार्थी की पत्नी की जान क्यों गई। डॉक्टर ने हार्टअटैक का बहाना क्यों बनाया प्रार्थी को पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी तक क्यों नही मिली जनपद से न्याय ना मिले के कारण परिजन मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगा रहे हैं।