डॉ शशि कांत सुमनपटना। अवैध उत्खनन पर रोक लगते ही बिहार में बालू की किल्लत सामने आने लगी है। वही बालू नहीं मिलने से लोगों से बालू माफिया अब भी मनमानी राशि वसूल रहे है। इस बीच बिहार में बालू के अवैध खनन के मामले सामने आने के बाद प्रशासन काफी एक्टिव हो गया है। वहीं दूसरी तरफ राज्य में निर्माण कार्य के लिए उचित दर पर बालू नहीं मिलने से लोग काफी परेशान हैं। बालू नहीं मिलने की खबरों के बीच आमलोगों, ठेकेदारों और ट्रांसपोर्टर की मदद के लिए खान एवं भू-तत्व विभाग ने नई व्यवस्था की है। अब 16 जिलों के खनन अधिकारियों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे लाइसेंसधारी खुदरा विक्रेताओं से निर्माण कार्य के लिए बालू उपलब्ध करवाने में मदद करें।
इसके अलावा किसी भी तरह की असुविधा होने पर विभाग ने 0612-2215350 और 2215351 पर संपर्क करने की अपील की है। इन 16 जिलों में अरवल, औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, जमुई, जहानाबाद, मुंगेर, नालंदा, नवादा, पटना, रोहतास, सारण, शेखपुरा और वैशाली शामिल हैं. इन सभी 16 जिलों के पड़ोसी जिले वाले लोग भी इन्हीं जिलों के खनन पदाधिकारियों से मदद ले सकेंगे। फिलहाल राज्य में एनजीटी के निर्देशानुसार 1 जुलाई से 30 सितंबर तक बालू के खनन पर रोक है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य के 16 जिलों में 225 लाइसेंसधारी खुदरा विक्रेता हैं। इन सभी के पास करीब 16 करोड़ 35 लाख 61 हजार 740 सीएफटी बालू जमा है। इसमें से सबसे अधिक वाली रोहतास जिले में है। वहां करीब 5 करोड़ 75 लाख 84 हजार सीएफटी बालू है। जबकि 17 लाइसेंसधारी खुदरा विक्रेता है। पटना जिले में सबसे अधिक 64 लाइसेंसधारी खुदरा विक्रेता हैं लेकिन यहां करीब 86 लाख 98 हजार 550 सीएफटी बालू जमा है। इसके अलावा 7 जिलों में नदी किनारे से करीब 300 मीटर के अंदर बंदोबस्तधारियों द्वारा बालू जमा किया गया है।