🟥अमरोहा, 14 अपै्रल आज कलेक्ट्रेट सभागार अमरोहा में बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर जी के 132 वें जन्म दिवस पर आयोजित विचार गोष्ठी के अवसर पर जिलाधिकारी श्री बालकृष्ण त्रिपाठी ने डा0 भीमराव अम्बेडकर जी चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित कर उनको नमन किया। तदोपरान्त अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) श्री भगवान शरण, अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) श्री माया शंकर अपर उपजिलाधिकारी श्री पुष्कर नाथ चौधरी सहित अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किया गया।
जिलाधिकारी महोदय ने बाबा साहब के राष्ट्रीय एकीकरण को समर्पित एवं सामाजिक परिवर्तनकारी जीवन पर आधारित विचार गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि सामाजिक सुधारों को अम्बेडकर जी ने आगे बढ़ाया और सरोकारों को प्राथमिकता दी। उन्होने हमेशा समाज सुधार और राष्ट्रीय एकीकरण की बात कही । कहा कि सामाजिक न्याय की अवधारणा को मजबूत कर वंचित तबके के बदलाव और हक की लड़ाई लड़ने वाले बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर का सामाजिक परिवर्तन में अमूल्य योगदान रहा है। जयंती पर उनके सामाजिक बदलाव के सपने को पूरा करने के लिए संकल्प लेने की जरूरत है। उनके विचारों को आगे ले कर जाना अैर कमजोर वर्ग के लोगों की मदद कर उनके सपनों पूरा करने में अपना अहम योगदान दें। उन्होंने कहा कि विश्व के सभी देशों में भारत का लोकतंत्र सबसे मजबूत है। इसका श्रेय भारत के संविधान को जाता है, जिसकी रचना बाबा साहब द्वारा की गई थी। इस अवसर पर उन्होनें जनपद वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी।

जिलाधिकारी ने कहा कि भीमराव अम्बेडकर (14 अप्रैल, 1891-06 दिसंबर, 1956), डॉ॰ बाबासाहब आम्बेडकर नाम से लोकप्रिय, भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाजसुधारक थे। उन्होंने दलित बौद्ध आन्दोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मन्त्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे।
उन्होनें कहा कि अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को ब्रिटिश भारत के मध्य भारत प्रांत (अब मध्य प्रदेश) में स्थित महू नगर सैन्य छावनी में हुआ था। । वे हिंदू महार जाति से संबंध रखते थे, जो तब अछूत कही जाती थी और इस कारण उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से गहरा भेदभाव सहन करना पड़ता था। भीमराव आम्बेडकर के पूर्वज लंबे समय से ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में कार्यरत रहे थे और उनके पिता रामजी सकपाल, भारतीय सेना की महू छावनी में सेवारत थे तथा यहां काम करते हुये वे सूबेदार के पद तक पहुँचे थे। उन्होंने मराठी और अंग्रेजी में औपचारिक शिक्षा प्राप्त की थी।
कहा कि हमें डा0साहब के विचारों एवं आदर्शों को अक्षरशः पालन करना चाहिये। बाबा साहब ने सामाजिक बुराइयों से घिरे होते हुये भी इतनी ऊँचाईयों पर पंहुच कर भारत में अपना नाम रोशन कर दिया। उन्होने कहा कि जिस तरह बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर कर्म के सिद्धान्त पर चलते थे, उसी तरह हमें भी कर्म पर पूरा ध्यान देना चाहिये, फल की प्राप्ति पर नहीं। महापुरूषों के बताये हुये मार्गाें का सदैव अनुसरण करना चाहिये। उन्होने कहा कि डा0 साहब एक अच्छे इंसान थे और उन्होने इन्सानियत का परचम भारत में लहराया है।
अपर जिलाधिकारी श्री भगवान शरण ) जी ने कहा कि डा0भीमराव अम्बेडकर जी संविधान निर्माता, उच्च कोटी के दार्शनिक, समाज सुधारक, विशलेषक, कानून के मर्मज्ञ , गरीबों एवं दलितों के मसीहा थे। हमें उनके मार्गों का अनुसरण करते हुये शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिये। शिक्षा के द्वारा ही समाज में, देश में उच्चतम स्थान पाया जा सकता है। उन्होनें कहा कि कहा कि आज राजनैतिक सोच का समेकित रूप हमारे सामने है, वह संविधान की प्राक्लन समिति की देन है, जो यह बताती है कि बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की राजनैतिक परख उच्चकोटी की थी और देश को आगे बढ़ाने का जज्बा गजब का था। कहा कि हमारे व्यक्तित्व, आचरण तथा व्यवहार में बाबा साहब की सोच परिलक्षित होनी चाहिए, क्योकि उन्होने ही हमें बताया कि कैसे समाज के अन्तिम व्यक्ति तक, गरीब व्यक्ति तक हमारी बात पहुचे और जो योजनाएं बनायी जा रही हैं, उनका लाभ पहुंचे। एडीएम न्यायिक श्री माया शंकर यादव जी ने कहा कि देश में बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर जी का बहुत बडा योगदान है। उन्होने कहा कि नारी शक्ति, शिक्षा, मताधिकार सहित आदि अधिकार दिलाने में उनका योगदान हैं। भारत एक विविधता भरा देश है और तत्कालीन समय मे यह अनेक विषमताओं से जूझ रहा था। ऐसी परिस्थिति में इन विविधताओं को स्वीकारते हुए अखंड राष्ट्र का निर्माण बहुत बड़ी चुनौती थी। लेकिन डॉ. आंबेडकर के नेतृत्व में प्रारूप समिति ने न सिर्फ इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामना किया बल्कि एक ऐसे संविधान का निर्माण किया जो “विविधता में एकता“ जैसे भारतीय मूल्य का साकार रूप था। भारत को एक राष्ट्र के रूप में खड़ा करने में संविधान की अतुलनीय भूमिका है।

बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर जी के 132वाँ जन्म दिवस के अवसर पर उप निदेशक कृषि, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी जिला पंचायत राज अधिकारी आदि ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये।
गोष्ठी के अन्त जिला सूचना अधिकारी श्री सुभाष चन्द्र जी ने गोष्ठी में आये समस्त अधिकारीगण, कर्मचारीगण सहित पत्रकार बन्धुओं का आभार धन्यवाद किया।
गोष्ठी के अवसर पर अपर जिलाधिकारी (वि0 एवं रा0) श्री भगवान शरण, अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) श्री मायाशंकर जी, अपर उप जिलाधिकारी श्री पुष्कर नाथ चौधरी सहित सभी कलेक्टेट परिसर अमरोहा के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।

🟥संवाददाता //जमशेद अली अमरोहा उत्तर प्रदेश( न्यूज़ समाचार प्लस)