🟥देवरिया

पुरानी पेंशन का मामला नया नही है 2004 से नियुक्त सभी सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन की जगह न्यू पेंशन स्कीम में रखा गया है जो शेयर मॉर्केट पर आधारित है ज़िसे लेकर सभी सरकारी संगठन आंदोलन करते रहे है चुनावी वर्ष में अब देखना ये की किस दल ने अपने एजेंडे में इसे रखा है या रखना चाहते है अभी हाल ही में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बड़े बेबाकी से अपनी बात रखी कि जब हम सत्ता में आएंगे तो पुरानी पेंशन बहाल करेगे।इस मुद्दे पर जब कई कर्मचारियों से बात की गई तो सभी ने खुशी जाहिर की और कहा कि ये लड़ाई बहुत पहले से चल रही है अभी तक किसी पार्टी ने अपने एजेंडे में इसको नही रखा था लेकिन समाजवादी पार्टी के इस फैसले से आस जरूर जगी है देर से सही परंतु सराहनीय कदम बताया गया है कहा गया पुरानी पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली होगी जब समाजवादी सरकार उत्तर प्रदेश में बनेगी।इसको हम अपने घोषणा पत्र में शामिल करने जा रहे हैं। अधिकारियों, कर्मियों को सेवानिवृत्त के बाद मासिक पेंशन दी जाती थी। भाजपा सरकार ने नई नियमावली लागू की गई। जिसके बाद पेंशन बंद की गई और एक मुश्त रकम दी जाने लगी।समाजवादी पार्टी की सरकार बनते ही पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल कर दी जाएगी। घोषणा पत्र में भी शामिल करने की बात कही गई है।