✍️ रिपोर्ट राजन शुक्ला

🟥बहराइच। मिहीपुरवा तहसील मोतीपुर अंतर्गत स्थित ग्रामसभा सुजौली मे प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र मे ना कोई डॉक्टर है, और ना ही कोई फार्मासिस्ट है जिसके करण ग्रामीणों को सही इलाज नही मिल पाता है। लगभग 50 हजार की जनसंख्या वाले ग्राम पंचायत सुजौली में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित है। जहां नियमित रूप से डॉक्टर के न आने के करण अक्सर अस्पताल बंद रहता है। इलाज के लिए लोगों को 55 किलोमीटर दूर जंगल के रास्ते से समुदायिक स्वस्थ्य केंद्र मोतीपुर जाना पड़ता है।

इलाज के लिए 55 किमी का सफर तय करते हैं ग्रामीण

वहीं सुजौली सरकारी अस्पताल में स्थानीय ग्रामीणों के साथ- साथ ग्रामसभा चफ़रिया, कारीकोट, चहलवा, बरखड़िया, जंगल गुलहरिया, मटेही, रमपुरवा आदि ग्रामसभा के लोग भी निर्भर हैं लेकिन अस्पताल में सुविधाएं नहीं होने और चिकित्सक के रोज ना बैठने से यहां के लोग बीमार पड़ने पर उपचार कराने नहीं आते, और यदि आते है तो उन्हे निराश होकर वापस लौटना पड़ता है। फिर भी सम्बंधित अधिकारी मौन बैठे है।