✍️रिपोर्ट राजन शुक्ला*

🟥बहराइच । जिले के हसुआ पारा गांव निवासी एक ग्रामीण जिला कारागार में निरुद्ध था। गुरुवार को वह अचानक गश खाकर गिरा। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। कारागार प्रशासन की सूचना पर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

पयागपुर थाना क्षेत्र के हसुआ पारा गांव निवासी लोगों ने मोहर्रम की आठवीं जुलूस के दौरान तिरंगा पर चांद बनाकर फहरा दिया था। पुलिस ने राष्ट्र गौरव अपमान के मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। एक जुलाई को सभी लोग जेल भेजे गए थे। इनमें गांव निवासी ताहिर अली भी जिला कारागार में विचाराधीन बंदी के रूप में निरुद्ध था।

गुरुवार दोपहर में अचानक विचाराधीन बंदी गश खाकर गिर गया। जेल प्रशासन द्वारा उसे जिला अस्पताल पहुंचाया गया यहां पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस पर हड़कंप मच गया। कोतवाली देहात पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस मामले में जेल अधीक्षक राजेश यादव का कहना है कि विचाराधीन बंदी से गुरुवार को उसके बेटे ने मुलाकात की। वह आराम से था, इसके बाद अचानक गिर गया। अस्पताल में डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।

चार बंदियों को मिली जमानत

जेल अधीक्षक राजेश यादव ने बताया कि एक जुलाई को पांच बंदी पयागपुर थाने की पुलिस द्वारा जेल में लाए गए थे। गुरुवार को एक विचाराधीन बंदे की मौत हो गई। जबकि चार को जमानत मिल गई सभी को जिला कारागार से छोड़ दिया गया है।

एसडीएम पर जेल भेजने का आरोप

जेल में निरुद्ध विचाराधीन बंदी ताहिर की मौत के मामले में पिता साकिर अली ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि शांति भंग के मामले में एसडीएम ने जमानत नहीं दी बल्कि उनके बेटे समेत अन्य को जेल भेज दिया। वहीं थाने के दो सिपाही ने दो ग्रामीणों के साथ मिलकर बेटे की हत्या की साजिश रची थी।

जेल भेजने से पूर्व बेटे की हत्या की साजिश और प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने पुलिस अधीक्षक और जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की है। इस मामले में एसडीएम दिनेश कुमार का कहना है कि आरोप फर्जी हैं मैं किसी को क्यों परेशान करूंगा मैं सिर्फ अपने न्यायालय की सुनवाई करता हूं।