“भारत में समाजवाद और उसकी प्रासंगिकता” पुस्तक का हुआ लोकार्पण*

*लोहिया के बाद सबसे अधिक प्रासंगिक रहे जे०पी० : श्री नीरज शेखर (माननीय राज्यसभा सांसद)*

*भारतीय राजनीति में सबको साथ लेकर चलने के हिमायती रहे जे.पी. : डॉ. शैलेश कुमार सिंह*

*वर्तमान दौर में भारतीय राजनीति की दशा पर लगा है प्रश्न चिह्न : सिद्धार्थ शंकर सिंह

🟥जनपद के सहूलाई निवासी आर० एस० एजुकेशनल फाउंडेशन के संस्थापक महासचिव, डी०बी० कॉलेज, जयनगर (अनुषांगिक इकाई ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा) के युवा शिक्षाविद् *डॉ. शैलेश कुमार सिंह*, डॉ. अखिलेश कुमार व डॉ. जमील हसन अंसारी द्वारा संपादित, समाजवाद के प्रखर स्तंभ पूर्व प्रधानमंत्री युवा तुर्क स्व. *चंद्रशेखर जी* को समर्पित भारत में समाजवाद और उसकी प्रासंगिकता पुस्तक का लोर्कापण राज्यसभा सांसद *श्री नीरज शेखर जी* के कर कमलों से बलिया स्तिथ आवासीय कार्यालय झोपड़ी पर किया गया।
इस दौरान *श्री नीरज शेखर जी* ने कहा कि, जयप्रकाश नारायण के समाजवादी विचारों से संबंधित तथ्यों का लेखकों ने बड़ी गंभीरता और पूरी स्पष्टता के साथ पुस्तक में उल्लेख किया है, यह पुस्तक शोध के उद्देश्यों में शोधार्थियों को सदैव प्रोत्साहित करेगा। तथ्यों के आधार पर कहा जा सकता है कि *भारत में लोहिया के बाद सबसे अधिक प्रासंगिक जे०पी० ही रहे हैं*।

गौरी भईया महाविद्यालय के प्रबंध निदेशक *सिद्धार्थ शंकर सिंह* ने कहा कि, वर्तमान दौर में भारतीय राजनीति की दशा पर प्रश्न चिह्न लगा हुआ है और वह संक्रमण के दौर से गुजर रहा है। जेपी के सिद्धांत ही संक्रमण काल से निजात दिलाने में सक्षम है, अतः आवश्यकता इस बात की है कि उनके विचारों को जिंदा रखा जाए।
आर० एस० एजुकेशनल फाउंडेशन के संस्थापक महासचिव, युवा शिक्षाविद् *डॉ. शैलेश कुमार सिंह* ने कहा कि, आजादी के बाद अवाम को अपने साथ जोड़ने का जो प्रयोग जेपी ने किया वो अद्भुत है, वे सबको साथ लेकर चलने के हिमायती थे। आजाद भारत में विचारधाराओं का जो वाद उभरा उसमें नेहरू और लोहिया के बाद सबसे अधिक प्रासंगिक जेपी ही रहे हैं।
इस अवसर पर डॉ. एस. के. सिंह पुस्तक के सहयोगी संपादक डॉ. अखिलेश कुमार व श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, गजरौला के शिक्षाविद् डॉ. मो. जमील हसन अंसारी के बारे में अवगत कराया कि उनके सहयोगी संपादक शैक्षणिक कार्यो की वजह से आज उनके साथ इस विमोचन में उपस्थित नहीं है।
डॉ. सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया कि प्रस्तुत पुस्तक में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के *शिक्षाविद शिक्षकों, शोधार्थी और छात्र-छात्राओं के शामिल कुल 18 मौलिक शोध आलेख* इसमें शामिल है।
इस दौरान मुख्य रूप से राज्यसभा सांसद श्री नीरज शेखर, वाणिज्य विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेश कुमार सिंह, गौरी भईया महाविद्यालय के प्रबंध निदेशक श्री सिद्धार्थ शंकर सिंह, अविनाश सिंह अदालत, प्रवीण सिंह, बिट्टू सिंह सहित विभिन्न प्रकोष्ठ के युवा पीढ़ी के सामाजिक कार्यकर्ता एवं शिक्षाविद् उपास्थित रहें।