🟥जी पी दुबे
संवाददाता
9721071175

🟪बस्ती 30 सितम्बर.

फर्जी मेडिकल कॉलेज चलाने वाले कृष्ण कुमार चौधरी निवासी नकटीदेई कप्तानगंज को कल देर शाम को गिरफ्तार कर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज का न्यायालय भेज दिया गया।
गौरतलब है की कृष्ण कुमार चौधरी उत्कर्ष हास्पिटल व पैरामेडिकल कालेज के प्रबंधक है।
गिरफ्तारी के समय अभियुक्त के पास से ,एक इन्वाइस फीस की रशीद , उत्कर्ष हास्पिटल व पैरामेडिकल कालेज की प्रिन्टेड फाइल कुल 09 |2- उड़ीसा स्टेट बोर्ड आफ फार्मेसी व द ग्लोबल यूनिवर्सिटी होलगी ईटानगर अरुणांचल प्रदेश का इग्जाम पेपर कुल 24 |
3- उडीसा स्टेट बोर्ड आफ फार्मेसी के 2 एडमिट कार्ड व उड़ीसा स्टेट बोर्ड आफ फार्मेशी की मार्कसीट की छायाप्रति 7 वर्क

 

 

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4- ओम साई कालेज फार्मेसी एण्ड हेल्थ साईन्सेज का प्रैक्टिकल प्रवेश फार्म कुल 24 वर्क व जयपोर कालेज आफ फार्मेशी प्रैक्टिकल का प्रवेश फार्म 4 वर्क |
5- ओम साई कालेज फॉर्मेसी एण्ड हेल्थ साईन्सेज का अप्रेन्टिस का फार्म 4 बर्क व श्री कृष्णा इण्टर कालेज एंव उत्कर्ष पैरामेडिकल कालेज का पम्पलेट/प्रचार सामाग्री कुल 23 वर्क |
6- दो अदद रजिस्टर डी-फार्मा, एएनएम/ जेएनएम के छात्रों की उपस्थिति रजिस्टर)व 3 अदद एलाईड हेल्थ केयर काउन्सिल आफ इण्डिया का लिफाफा एवं हैण्ड विल/ प्रचार सामाग्री |
7- एक छोटा व एक बड़ा प्रिन्टेड 2 उडीसा स्टेट बोर्ड आफ फार्मेसी की मार्कसीट सहित अन्य सामान बरामद हुए।
पूछताछ के दौरान अभियुक्त ने बताया कि अपने पिता स्व. राम पियारे के नाम से नकटीदेई बूजुर्ग रेहरवा थाना कप्तानगंज क्षेत्र मे श्री राम पियारे इण्टर कालेज चलाता था । जिसकी वर्तमान समय में मेरी पत्नी सुमन चौधरी प्रबंधक है । कोरोना काल मे मेरी आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हो गयी थी । उसी दौरान मै हर्दिया चौराहा थाना कोतवाली जनपद बस्ती मे चल रहे सरदार पटेल सत्यांजली पैरामेडिकल कालेज के संस्थापक सत्यप्रकाश से मिला जो पूर्व मे मेरा सहपाठी भी था । जो पैरामेडिकल कालेज चलाकर काफी रुपया कमा रहा था । जिसके सुझाव व सहयोग से मैने भी सरदार पटेल पैरामेडिकल कालेज कप्तानगंज व उत्कर्ष पैरामेडिकल कालेज कप्तानगंज के नाम से अपने इण्टर कालेज मे ही अपने विद्यालय से उत्तीर्ण हुए इण्टर कालेज के छात्रो को पैरामेडिकल कालेज कोर्सो के फायदे की जानकारी देकर एडमिशन लेना शुरु किया तथा सत्यप्रकाश की मदद से बी.के. यादव उर्फ विनोद कुमार यादव से सम्पर्क बनाकर अपने संस्था का मान्यता प्राप्त करने हेतु 15 लाख रुपये बी.के.यादव उर्फ विनोद कुमार यादव को कैश दिया तथा बाद मे पैरामेडिकल कोर्स व डी फार्मा की सीट फिक्स करने के लिए दो लाख रुपये उनके खाते मे अलग अलग तिथियो मे जमा कराया । वी.के.यादव द्वारा कोरोना काल मे छात्रो की परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड व पेपर, स्कूल पर रजिस्ट्री के माध्यम से भेजवाते थे तथा बाद मे सत्र समाप्त होने पर वर्ष 2020-21 की विभिन्न पैरामेडिकल कोर्सो व डीफार्मा की उड़ीसा स्टेट बोर्ड आफ फार्मेसी की मार्कशीट प्राप्त कराये उसी सत्र मे ही सत्यप्रकाश के सहयोगी वसीम हमारे विद्यालय मे, हमारे कहने पर पैरामेडिकल छात्रो को पढाने के लिए आते थे । उनके द्वारा आशीष यादव व स्वतंत्र श्रीवास्तव से मेरा सम्पर्क हुआ तथा वे लोग भी उसी सत्र मे मेरे पास छात्रो के एडमिशन हेतु आये थे ये दोनो लोग वी.के.यादव के ही सहयोगी थे तथा जिले के विभिन्न अन्य इण्टरमिडिएट कालेज मे भी छात्रो को पैरामेडिकल कोर्स व डीफार्मा आदि कराने के लिए प्रचार प्रसार करते थे । यह सभी लोग वी.के.यादव के लखनऊ विभूति खण्ड स्थित स्टेट पैरा मेडिकल फैकल्टी से ही सम्बन्धित थे । बाद मे आशीष यादव ने भी कम पैसे मे बिना परीक्षा कराये मार्कशीट देने का प्रस्ताव रखा तथा स्वतंत्र श्रीवास्तव मेरे विद्यालय के छात्रो का देश के विभिन्न पैरामेडिकल कालेजों मे एडमिशन कराने व मार्कशीट प्राप्त कराने का प्रस्ताव रखा । तब तक मेरी आर्थिक स्थिति भी काफी खराब हो गयी थी । जिस कारण मैने उनका प्रस्ताव मान लिया तथा उनसे सम्पर्क कर करीब तीस चालिस बच्चो का एडमिशन व फीस उन्हे आनलाइन जमा कर छात्रो को पैरामेडिकल कोर्सो का मार्कशीट प्राप्त कराने लगा । उसके बाद वसीम मेरे विद्यालय के कुछ छात्रो को अच्छी सुविधा हास्टल आदि का प्रलोभन देकर सरदार पटेल सत्यांजली पैरामेडिकल कालेज हरदिया कोतवाली में एडमिशन हेतु प्रस्ताव रखकर अपने संस्था मे लेकर चले गये जिस कारण हमारे व सत्यप्रकाश के बीच विवाद हो गया तथा मैने सत्यप्रकाश व वसीम से सम्पर्क तोड़कर वी.के.यादव, रामआशीष यादव, स्वतंत्र श्रीवास्तव से सम्पर्क बनाये रखा उसी दौरान मुझे जानकारी हो गयी कि उड़ीसा स्टेट बोर्ड आफ फार्मेसी की मार्कशीट पीयूष पाण्डेय ही बनाकर वी.के.यादव व रामआशीष यादव को देते है बाद में पीयुष पाण्डेय के सम्पर्क में आया तथा आशीष यादव उर्फ रामआशीष यादव से पीयुष पाण्डेय से सम्पर्क कराने को कहा तो उनके द्वारा पीयुष पाण्डेय से मेरा सम्पर्क हुआ तथा मैने मार्कसीट प्राप्त करने हेतु उनके खाते में पैसा डालना प्रारम्भ किया । आशीष यादव व बी.के.यादव ज्यादा पैसा लेकर उक्त मार्कशीट प्राप्त कराते थे कि इसी वर्ष अपैल मे वी.के यादव के जेल चले जाने की सूचना स्वतंत्र श्रीवास्तव ने मुझे दिया । उसके बाद वी.के. यादव के गिरफ्तार होने के बाद ही सारा मामला बिगड़ गया क्योंकि वी.के. यादव ही उक्त मार्कशीटो को पीसीआई से फर्जी वेरिफिकेशन कराकर सर्टिफिकेट हम लोगो को प्राप्त कराते थे । जिसे हम लोग छात्रो को दे देते थे कि जून माह मे सत्यप्रकाश व वसीम की संस्था मे पढने वाले छात्रो ने थाना कोतवाली जनपद बस्ती पर उनके खिलाफ फर्जीवाड़ा करने को लेकर मुकदमा लिखा दिया तथा एक माह के अन्दर ही राम आशीष यादव , पीयूष पाण्डेय, स्वतंत्र श्रीवास्तव वसीम सत्यप्रकाश सहित सभी गिरफ्तार होकर जेल चले गये । तब मै भी डर गया था कि मै भी जेल न चला जाउं । तब मै थाना कप्तानगंज जनपद बस्ती मे जाकर स्वतंत्र श्रीवास्तव , राम आशीष यादव व वी.के.यादव के खिलाफ मुकदमा लिखा दिया । उसके कुछ दिन बाद मेरे विद्यालय के छात्र मुझसे अपना पैसा वापस लेने का दबाव बनाने लगे । तब मै परेशान हो गया । तब घर छोड़कर अपने रिश्तेदारो के यहां ही रहने लगा कि इसी दौरान मेरे विद्यालय के छात्रो ने भी थाना कप्तानगंज जनपद बस्ती मे जाकर मेरे खिलाफ मुकदमा लिखा दिया । तबसे मै छिप छिपाकर रह रहा था कि आप लोगो ने पकड़ लिया । उनके द्वारा ही सारा फर्जी मार्कशीट प्राप्त कराया गया है। मै उनके विश्वास मे आकर पैसा भेजता था । मेरा मोबाइल व कुछ मार्कशीट मेरे इण्टर कालेज के आफिस मे रखे है ।