दीनदयाल उपाध्याय पुस्तकालय पर आयोजित कार्यक्रम में प्लास्टिक प्रदुषण को कम किये जाने पर हुई चर्चा*

🟥बस्ती/* प्लास्टिक प्रदूषण पिछले कुछ दशकों में गंभीर चिंता का विषय बन गया है. इससे मिट्टी और जल प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। साथा ही जगह-जगह प्लास्टिक को जलाने से वायु प्रदूषण में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. हाल के दिनों में मीठे और खारे दोनों प्रकार के पानी में मौजूद जलीय जीवों में प्लास्टिक के केमिकल से होने वाले दुष्प्रभाव नजर आने लगे हैं. विज्ञानियों ने जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों में प्लास्टिक प्रदूषण को भी बड़ा कारण माना है. यह बातें विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर विश्व युवक केंद्र नई दिल्ली के सहयोग से युवा विकास समिति द्वारा पंडित दीनदयाल पुस्तकालय एवं वाचनालय गौरा भरतपुर बस्ती में आयोजित सेमिनार और वर्कशॉप और वृक्षारोपण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उद्यान निरीक्षक राम विनोद मौर्य नें कही.
वरिष्ठ एक्यूप्रेशर व योग चिकित्सक डॉ. नवीन सिंग नें कहा कि प्लास्टिक कचरा अब विश्वव्यापी समस्या है. यहां तक कि अंटार्कटिक भी इससे अछूता नहीं है। गहरे समुद्र में भी लाखों टन प्लास्टिक कचरा है, जो विज्ञानियों के लिए गंभीर चिंता का विषय है. इसके साथ ही एक बड़ी चुनौती अंतरराष्ट्रीय ढांचे में कार्यान्वयन है.
पुस्तकालय के प्रबंधक शशांक शुक्ल नें कहा की विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर के लोगों में पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, ग्रीनहाउस प्रभाव, ग्लोबल वार्मिंग, ब्लैक होल प्रभाव आदि के बारे में जागरूक करना है.
वरिष्ठ साहित्यकार धर्मेन्द्र पाण्डेय नें बताया कि पर्यावरण को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने और इसके संरक्षण के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने में विशेष महत्व रखता है
कंप्यूटर ऑपरेटर चन्दन उपाध्याय नें कहा की संयुक्त राष्ट की तरफ से इस साल विशेष थीम की घोषणा की गई है. इस साल के लिए थीम बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन घोषित किया गया है, जो कि प्लास्टिक कचरे के निपटारे के समाधान खोजने पर जोर देता है.
पुस्तकालय सहायक धर्मेन्द्र चौधरी नें कहा की संयुक्त राष्ट की ओर से साझा की गई विज्ञप्ति के मुताबिक हर साल 400 मिलियन टन प्लास्टिक का उत्पादन विश्व भर में होता है. इनमें से आधे का इस्तेमाल सिर्फ एक ही बार हो पाता है. सिर्फ 10 फीसदी की ही रीसाइक्लिंग हो पाती है. इस मौके पर ओमकार, बृजमोहन, संजय कुमार नें भी अपने विचार रखे
इस मौके पर प्लास्टिक प्रदूषण को कम किये जाने हेतु चित्रांकन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. जिसमें छात्रों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. इस साल की थीम यानी “बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन” यानी प्लास्टिक से हो रहे प्रदूषण को कम करने का पद्धति पे छात्रों के साथ चर्चा किया गया. ड्राइंग व पेंटिंग प्रतियोगिता में करिश्मा चौहान, सुधा कुमारी, सुमन प्रजापति, सहरे अली, पूजा पाण्डेय, मुहम्मद साकिब, विक्रम पटेल, सूरज शर्मा, अनिल कुमार, दिलीप कुमार , विशाल चौधरी को बेहतर प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया.
कार्यक्रम में गुड्डू, आशीष कुमार, अक्षय, अनिल , अमित कुमार, शिवम् सोनी, दिनेश चौधरी, अविनाश कुमार सोनी, नागेन्द्र चौधरी, अरविन्द कुमार, निखिल चौधरी, आदर्श कुमार, सहित अनेकों लोग मौजूद रहे.