रविंद्र सिंहरायबरेली। यूपी में कांग्रेस हाशिये पर है लेकिन वीवीआईपी कल्चर अभी भी जस का तस बरकरार है। 2022 चुनाव में अब कुछ ही महीने बचे हैं लेकिन एक दायरे में रहकर सीमित कार्यकताओं से मुलाकात और जन जन तक आपकी आवाज पहुंचाने वाली मीडिया से लगातार दूरी बनाए रखना जारी है।

कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा 2 दिन के दौरे पर अपनी माँ सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली आईं। इस दौरान वे सबसे पहले परंपरा अनुसार चूरूवा बॉर्डर पर बने ऐतिहासिक हनुमान मंदिर पहुंची और माथा टेक कर आशीर्वाद लिया। इसके बाद उनका सैकड़ों गाड़ियों का काफिला जहां से भी गुजरा सुबह से ही पलकें बिठाए बैठे कार्यकर्ता धक्का मुक्की करते अपने प्रिय नेता को फूल माला पहनाने व उनके साथ फोटो करवाने के लिये संघर्ष करते नजर आए। तूफानी गति से लखनऊ से निकला उनका काफिला दोपहर लगभग 11 बजकर 40 मिनट पर भुएमऊ गेस्ट हाउस आकर रुका।

उसके बाद बिना पूर्ण निर्धारित कार्यक्रम के एक खबर आई कि प्रियंका गांधी 3 बजकर 30 मिनट पर अमेठी संसदीय क्षेत्र के मोहनगंज कस्बे के गांव टोडर पुर जा सकती हैं। जहां कुछ दिन पहले एक गरीब परिवार के 3 बच्चे दीवार ढहने से दबकर मर गए थे। लेकिन प्रोग्राम नही बना। शाम तक पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से मीटिंग होती रही। फिर अचानक पता लगा कि प्रियंका जी ने फिर से मोहनगंज जाने का प्लान तैयार कर लिया है। सभी अलर्ट मोड में आ गए। 6 बजकर 50 मिनट पर उनका काफिला मोहनगंज की तरफ कूच कर गया। मोहनगंज के टोडरपुर गांव पहुंचकर प्रियंका गांधी ने गरीब परिवार को ढाँढस बंधाई। उसके बाद वे वापिस भुएमऊ गेस्ट हाउस लौट आईं। सोमवार की सुबह उनका जनता दरबार व कई गांवों के दौरे करने का प्लान था लेकिन कार्यक्रम में बदलाव करते हुए वे 7 बजकर 30 मिनट पर लखनऊ के लिये निकल गई। जहां से वे हवाई जहाज से दिल्ली के लिये रवाना हो गईं।

प्रियंका गांधी के चले जाने के बाद यहां पर कार्यकर्ताओं ने एक सुर में प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने व पार्टी के लिये कार्य करने की बात भी कही। कार्यकर्ताओं द्वारा सांसद सोनिया गांधी के अस्वस्थ होने के कारण लगातार रायबरेली से प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है।