– हर माह की पहली, नौ, 16 व 24 तारीख को होती है सीएचसी पर जांच
-नौ तारीख को सीएचसी और पीएचसी दोनों पर मिलती है जांच की सुविधा
– एक साल में चिन्हित हुई 2568 एचआरपी 1295 का हुआ सफल प्रसव

🟥बस्ती, 10 मई 2023। गर्भावस्था के दौरान प्रसव पूर्व जांच से एचआरपी (हाई रिस्क प्रेग्नेंसी) वाली महिलाओं की पहचान आसानी से हो जाती है। पहचान के लिए हर माह की पहली, नौ, 16 व 24 तारीख को जिला महिला अस्पताल व सभी सीएचसी पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम के तहत पीएम मातृत्व क्लीनिक का आयोजन किया जा रहा है। नौ तारीख को 27 पीएचसी पर भी आयोजन किया जा रहा है। आयोजन में चिन्हित एचआरपी का प्रसव हॉयर सेंटर पर सुरक्षित तरीके से प्रशिक्षित चिकित्सकों की देख-रेख में कराया जा रहा है। इन दिवसों के जरिए पिछले साल कुल 2568 एचआरपी चिन्हित हुई, जिसमें से अब तक 1295 का सुरक्षित प्रसव हो चुका है। सीएमओ डॉ. आरपी मिश्र का कहना है कि इस आयोजन का मकसद संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना है। चि्ह्तित एचआरपी गर्भवती का सुरक्षित प्रसव कराकर शिशु व मातृ मृत्यु दर को न्यूनतम करना है।
गौर ब्लॉक के सिटकोहर गांव निवासी नीलम (23) ने मंगलवार को सीएचसी गौर में आयोजित पीएम सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक में जांच करवाया तो मालूम हुआ कि उनका हीमोग्लोबीन स्तर 7.4 एमजी है।
सीएचसी पर उन्हें ऑयरन की गोली व अन्य दवाएं दी गईं।

चार बार हो रहा है पीएमएसएमए दिवस का आयोजन
जिला मातृत्व स्वास्थ्य सलाहकार राजकुमार ने बताया कि पहले यह आयोजन नौ व 24 तारीख को हो रहा था, इसे विस्तार देते हुए अब हर माह की पहली व 16 तारीख को भी पीएम सुरक्षित मातृत्व अभियान का आयोजन किया जा रहा है। नौ तारीख को 27 पीएचसी पर भी आयोजन हो रहा है। एमबीबीएस चिकित्सक द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है , तथा आवश्यक जांच कराई जाती है।

11 डॉग्नोस्टिक सेंटर पर मिल रही अल्ट्रासाउंड की सुविधा
जिले के 11 निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर पीएम सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत जांच की सुविधा भी ई रुपी बाउचर के जरिए गर्भवती को मुहैया कराई जा रही है। एसीएमओ आरसीएच डॉ. एके मिश्रा ने बताया कि अस्पताल में ही गर्भवती को ई-रुपये वाउचर दिया जाता है, जो एक माह के लिए मान्य है। मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में कुल 69 गर्भवती की ई रुपी वाउचर से अल्ट्रासाउंड जांच कराई गई है।