✍️समाचार संपादक सुहेल अहमद की विशेष रिपोर्ट

🔴बस्ती / प्रधान डाकघर बस्ती मे काफी समय से नए आधार कार्ड पर ₹100 की धड़ल्ले से वसूली की जा रही है और यह सब खेल पोस्ट मास्टर के बगल में बैठ कर खेला जा रहा है। सबसे अधिक वसूली का अड्डा प्रधान डाकघर बस्ती है वैसे डाक विभाग के द्वारा शहर में सभी आधार कार्ड केंद्र जो पोस्ट ऑफिस के द्वारा संचालित किया जा रहा है हर जगह अवैध वसूली का खेल चल रहा है प्रधान डाकघर मे लोगों को गुमराह करने के लिए अंग्रेजी में लिखा हुआ एक कागज चसपा कर दिया गया है जिसमें अन्य शुल्क दर्शाए गए हैं उसी के आड़ में लोगों से यह कहा जाता है यह ₹100 की फीस सरकारी लगती है अगर आपको शक है तो दीवार पर चस्पा कागज देख ले

क्योंकि कागज अंग्रेजी में है इसलिए गरीब और अनपढ़ पढ़ नहीं पाते हैं उसी की आड़ में आधार सेंटर के स्टाफ धड़ल्ले से ₹100 की वसूली कर रहे हैं पैसा ना देने पर फार्म को फेंक दिया जाता है। प्रधान डाकघर के आधार सेंटर मे एक महिला कर्मचारी की ड्यूटी है लेकिन उस महिला कर्मचारी के साथ-साथ दो प्राइवेट लोग भी काम कर रहे हैं सवाल ये उठता है कि अगर इन लोगों कोई लाभ नहीं है तो काम क्यों कर रहे हैं जब इसकी पड़ताल की गई तो पता चला झ्सी अवैध वसूली से उन लोगों का भुगतान किया जा रहा है आपके पास कागज हो ना हो संपर्क करने पर आपका आधार मुंह मांगी कीमत पर बना दिया जाता है सूत्र बताते हैं इन लोगों के पास डॉक्टर से लेकर सभासद तक की मोहरे उपलब्ध है जिस से प्रमाणित कर आधार कार्ड उपलब्ध करा दिया जाता हैI सूत्र बताते है कुछ दिन पहले पुलिस को भी भनक लग गई थी और उन्होंने मौके पर पहुंच कर कुछ बाहरी लोग से पूछताछ भी किया था

🔻न्यू समाचार प्लस के संपादक सुहेल अहमद ने इस अवैध वसूली के सत्यापन के लिए पूछताछ की तो एक गरीब   महिला मिली जो घर घर काम करती है उस महिला ने बताया  की 100 रुपया आधार कार्ड बनवाने के लिए ना देने पर उसके फार्म को फेक दिया गया फिर उक्त महिला ने कहीं से उधार मांग कर 100 रुपए देने के बाद उसके फार्म को लिया गया लोगों का आरोप है की आधार कार्ड सेंटर पर काम करने वाली महिला का व्यवहार सही नहीं है उसने आधार कार्ड सेंटर को कोतवाली बना दिया है जहां लोग बिना पैसे जाने से डरते हैं I

इस विषय पर जब पोस्ट मास्टर के कमरे में जाकर उनका पक्ष लेने का प्रयास किया गया तो वह ऑफिस में मौजूद नहीं थे उनके दूरभाष नंबर पर आधार सेंटर की शिकायत पर उनका वर्जन लिया गया तो पहले  उन्होंने आनाकानी की लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि कहीं शिकायत मत करिएगा वरना किसी का नुकसान हो जाएगा अगर डाकघर के द्वारा बनाए गए आधार कार्ड के नंबरों पर संपर्क कर जांच की जाए तो बगैर पैसे का कोई एक आधार कार्ड नहीं जारी किया गया है। भारत सरकार की महत्वपूर्ण दस्तावेज जिस के आधार पर गरीबों को सरकारी स्कीमों का लाभ दिया जाता है आज इस अवैध वसूली के कारण गरीब आधार कार्ड से वंचित हो रहा है। जनहित में आवश्यकता है कि इसकी जांच कराई जाए और संबंधित लोगों के खिलाफ जो भारत सरकार की मंशा पर पलीता लगा रहे हैं उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने की आवश्यकता है तभी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ गरीब तक पहुंच पाएगी।