शिक्षकों का निलंबन असंवैधानिक;जिला शिक्षा विभाग पूर्वाग्रह से ग्रसित

🛑मुंगेर: टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश संगठन महामंत्री सह जिलाध्यक्ष राहुल देव सिंह ने बयान जारी कहा कि कि बिहार में पंचायती-राज शिक्षकों के द्वारा अपने संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार के आलोक में सरकार से राज्यकर्मी का दर्जा प्रदान करने के लिए 11 जुलाई को पटना में हुए आन्दोलन के खिलाफ शिक्षा विभाग के द्वारा अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग पटना के द्वारा निर्गत आदेश पत्रांक-116/गो• दिनांक-16-05-2023 के आलोक में जिला शिक्षा पदाधिकारी,मुंगेर के द्वारा टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश संगठन महामंत्री सह मुंगेर जिलाध्यक्ष राहुल देव सिंह एवं बिहार प्रारम्भिक शिक्षक संघ के प्रधान सचिव रामनंदन कुमार को स्पष्टीकरण उचित माध्यम एवं विधिवत तरीके से हस्तगत तामिला नहीं करवाया गया है।ऐसे में संबंधित शिक्षकों का पक्ष सुने बिना एकपक्षीय निलंबन कारवाई का अनुशंसा पूर्वाग्रह से ग्रसित है। साथ ही जिला शिक्षा पदाधिकारी अश्विनी कुमार के विकृत मानसिकता को स्पष्ट रूप से परिलक्षित करता है। जबकि संबंधित दोनों शिक्षकों को अपने निलंबन अनुशंसा की जानकारी विभाग के द्वारा विधिवत रूप से उपलब्ध नहीं करवाया गया है। संबंधित शिक्षकों को इसकी जानकारी विभिन्न व्हाटसप समूह एवं विभिन्न समाचार पत्र में छपे खबरों के माध्यम से निलंबन कारवाई की सूचना प्राप्त हुआ है। शिक्षा विभाग के नियमानुसार निलंबन से पूर्व स्पष्टीकरण पूछे जाने एवं समर्पित जबाव से संतुष्ट नहीं होने के उपरांत ही शिक्षक नियमामवली-2020 के नियम 18 के प्रावधान में निलंबन कारवाई किये जाने को अधिसूचित किया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा साजिश के तहत नियमों के अनदेखी करते हुए एवं उचित प्रक्रिया का अनुपालन किये बगैर संबंधित शिक्षकों को निलंबन की अनुशंसा नियोजन इकाई को किया गया है। संघ ने स्पष्टता से बताया कि शिक्षकों के निलंबन कारवाई में नियम के अनदेखी एवं उचित प्रक्रिया अनुपालन नहीं किया जाता है तो टीईटी शिक्षक संघ इस कारवाई से जुङे संबंधित सभी पदाधिकारीयों के खिलाफ न्यायालय में परिवाद दर्ज उचित कानूनी कारवाई किया जायेगा।

ध्यातव्य है कि पंचायती-राज शिक्षकों का आन्दोलन अपने संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार के धारा 19 (1) (ख) के तहत शांतिपूर्ण तरीके से राज्यकर्मी दर्जा प्राप्त करने के लिए था। जो किसी भी दण्डात्मक नियमावली के परिधि में नहीं आता है। परन्तु जिला शिक्षा विभाग में अधिनायकवादी अफसरशाही चरम पर है। बिहार अध्यापक शिक्षक नियमावली-2023 के विरोध में शिक्षकों ने आंदोलन नहीं किया था।