🟥देवरिया

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मोइरंग इंडियन नेशनल आर्मी यानी आई एन ए का मुख्यालय था। भारतीय राष्ट्रीय सेना के कर्नल शौकत मलिक ने 14 अप्रैल सन 1944 को मोइरांग में मणिपुरियो मेरेम्बम कोइरेन्ग सिंह और अन्य लोगो की मदद से पहली बार तिरंगा फहराया, जो आई एन ए के सदस्य थे। मोइरंग में आई एन ए संग्रहालय में कुछ युद्ध कालीन अवशेष व तस्बीर प्रदर्शित हैं।
नेताजी सुभाष चन्द्र बोष ने स्वयं भी 30 दिसम्बर 1943 को जिमखाना क्लब पोर्ट ब्लेयर में भारतीय स्वतंत्रता का तिरंगा झंडा फहराया था। जिस समय नेता जी सुभाष चन्द्र बोष आई एन ए के प्रमुख कमांडर व घोषित भारत सरकार के राष्ट्रपति, जिसे 18 देशों द्वारा मान्यता प्राप्त था, की याद में अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद देवरिया द्वारा माउण्ट लीटेरा जी स्कूल देवरिया परिषर में मोरेंग दिवस का आयोजन कर उस पल व उन स्मृतियों को याद किया गया।
सुभाष बाबू की तश्वीर पर अजय मिश्रा, कर्नल अरुण प्रकाश पांडेय,कैप्टन जयराम बैठा,कैप्टन सुभाष चन्द्र,कैप्टन रमेश सिंह,सूबेदार मेजर बसन्त कुमार,कैप्टन के डी सिंह,सार्जेंट हरेराम दीक्षित,वकील दिनेश मिश्र, नायब सूबेदार मार्कंडेउ पति त्रिपाठी, प्रभाकर मणि, डॉ दिवाकर त्रिपाठी, सूबेदार मेजर ब्यास चन्द्र मिश्र, सूबेदार दिनेश मिश्र , फ्लाइंग अफसर एन के मिश्र, मकसूदन,सुभाष प्रजापति सहित अन्य लोगो ने माल्यार्पण कर सम्मान ब्यक्त किया।
वक्ताओ ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के साथ प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से शामिल लोगों के प्रति सम्मान ब्यक्त करते हुए समाज को उनके योगदान को सदैव स्मरण रखने की बात कही।

🟥रिपोर्ट मृत्युंजय गुप्त, विशारद