💢डॉ शशि कांत सुमन की रिर्पोट💢

पटना। बिहार में जब से सुशासन की सरकार आई है, तब से थोड़े अपराधिक मामले में कमी आई है। हालांकि, उतना भी कमी नहीं आई है जितना कि होना चाहिए। हर बीते दिन सूबे के अलग-अलग क्षेत्रों से अपराधी वारदात के मामले सामने आ रहे हैं, वही हाल ही में बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार देश में अपराध मामले में 25 वे स्थान पर आया है।
राज्य के पुलिस मुख्यालय ने आंकड़े जारी करते हुए यह दावा किया है कि नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो द्वारा जारी वर्ष 2020 के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय अपराध दर 487.9 है। इसकी तुलना में बिहार में अपराध की दर  211.3 रही है। हत्या के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर बिहार का स्थान आठवां है। 2019 में नवंबर तक हत्या के कुल 2910 अपराधिक मामले दर्ज किए गए थे, जबकि, 2021 नवंबर तक 2607 मामले दर्ज किए गए हैं।
बिहार महिला अपराध के मामले में 29वें स्थान पर है। वही दुष्कर्म के मामले में भी कमी आई है। 2019 में नवंबर तक कुल 1375  मामले दर्ज किए गए थे। वहीं 2021 नवंबर तक 1338  मामले दर्ज किए गए। इस मामले में राष्ट्रीय औसत दर 4.3  की तुलना में बिहार की अपराध दर  1.4 रही है।
वही डकैती के मामले में बिहार में स्थान पर आया है, 2019  में डकैती के 353 मामले दर्ज हुए थे। जबकि, 2021 में नवंबर तक सिर्फ  239  मामले दर्ज किए गए हैं। इसी तरह लूट में भी गिरावट आई है और बिहार का स्थान 13वां है। फिरौती के लिए अपहरण के मामले में बिहार 25  राज्यों के साथ संयुक्त रूप से 12वें स्थान पर है। रोड डकैती की घटनाओं में  38.8 और बैंक डकैती के मामले में  53.8  प्रतिशत की कमी आई है।
बता दें कि बलात्कार के मामले में भी कमी आई है। वर्ष 2019 में नवंबर तक कुल 1375 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं इस वर्ष नवंबर तक 1338 मामले दर्ज किए गए हैं। इस मामले में राष्ट्रीय औसत दर 4.3 की तुलना में बिहार का अपराध 1.4 रहा है। और साल 2020 में बिहार का 31वां स्थान है।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार अधिनियम के शीर्ष में राष्ट्रीय औसत अपराध दर 25 है। इस शीर्ष में वर्ष 2020 में 44.5 अपराध दर के साथ बिहार का स्थान तीसरा है। दंगा के मामले में भी बिहार कई राज्यों से बेहतर है। वर्ष 2019 में 6797 मामले दर्ज किए गए थे और इस वर्ष नवंबर तक 5801 मामले दर्ज किए गए हैं।