🟥*जनपद बदायूॅ प्रभारी- विवेक गुप्ता की रिपोर्ट/*

👉 मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं, बालिकाओं, छात्राओं को नारी सुरक्षा, नारी स्वाबलंबन एवं नारी सम्मान की दिशा में चलाए जा रहे महिला सुरक्षा संबंधी विभिन्न हेल्पलाइन नंबरों के बारे में जागरूक करने के साथ साथ साइबर अपराध के प्रति जागरूक किया गया। जनपद में मिशन शक्ति अभियान के अन्तर्गत महिलाओं एवं बालिकाओं को स्वावलम्बी बनाने, उनमें सुरक्षित परिवेश की अनुभूति कराने हेतु शासन द्वारा जारी महिला सुरक्षा संबंधी विभिन्न हेल्पलाइन 1090, यूपी-112, 181, 1076 आदि नंबर युक्त पैंपलेट वितरित कर निरन्तर जागरूक किया जा रहा है। वर्तमान में बढ़ रहे साइबर फ्रॉड के सम्बन्ध में जागरुक करते हुए बताया गया कि किसी अन्जान व्यक्ति से अपना ओटीपी शेयर न करें। यदि किसी के साथ साइबर फ्रॉड होता है तो वह तत्काल साइबर हेल्पलाइन नम्बर 1930 पर सम्पर्क कर अपनी शिकायत दर्ज करायें।

 

 

 

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे विशेष सुरक्षा महाअभियान के तत्वावधान में 5 जनवरी से 4 फरवरी तक चलाए जा रहे आयोजित सड़क सुरक्षा माह का मंगलवार को बरेली रोड स्थित बीआरबी मॉडल स्कूल में बरेली परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक डॉ राकेश सिंह ने जिलाधिकारी मनोज कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ ओमप्रकाश सिंह के साथ दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इससे पूर्व उन्होंने पुलिस बाइक ऑटो रिक्शा व स्कूली बच्चों की जागरुकता रैली को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। फोटो जोन में तस्वीर खिंचाई, प्रचार पम्पलेट का अवलोकन किया, हस्ताक्षर अभियान के तहत हस्ताक्षर किए, यहां उनका बैच लगाकर सम्मान किया गया। विद्यालय परिसर में उन्होंने वृक्षारोपण किया, जागरुकता रंगोली का अवलोकन किया। विद्यालय में स्कूली बच्चों द्वारा देशभक्ति से सम्बंधित रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। आईजी, डीएम और एसएसपी को शॉल ओढ़ाकर एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले बच्चों एवं विद्यालय के मेद्यावी विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिस अधिकारियों एवं कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
आईजी ने कहा कि अपेक्षा से बेहतर कार्यक्रम आयोजित हुआ है। कहीं भी जाते समय हमें सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करना होता है। ज़रा सी लापरवाही से कई बार जीवन संकट में पड़ जाता है, दुर्घटनाएं होती हैं और कई बार मृत्यु भी हो जाती है। यातायात के नियमों को हम सभी जानते हैं, आज इस कार्यक्रम में हम सब इस लिए आएं हैं कि सभी इन नियमां का प्रयोग करें। सड़क घटनाओं की भरपाई नहीं होती। जिस परिवार में भाई या पिता की मृत्यु हो जाती है, उस परिवार की पीड़ा को उससे ज्यादा कोई नहीं समझ सकता, परिवार का मुखिया जब दुघर्टना में मर जाता है, तो परिवार उजड़ जाता है। उनके बच्चों का काई सहारा नहीं होता, उनका भविष्य अधेंरे में पड़ जाता है। अपंग हो जाने पर उनका जीवन कष्ट में पड़ जाता है। इस लिए इन संवेदनाओं को समझना है और सड़क पर सुरक्षित चलना है। खासतौर से युवाओं के लिए कहना है कि वाहनों को आराम से चलाएं, हैलमेट या सीटबेल्ट का प्रयोग अवश्य करें। बच्चे अभिभावकों को हैलमेट या सीटबेल्ट का प्रयोग करने के लिए बाध्य करें। जब से सोशल मीडिया आम आदमी के हाथों में पहुंचा है, तब साइबर क्राइम काफी बढ़ गए हैं। हर जनपद स्तर पर साइबर थाने की स्थपना की जा रही है और लोगों को जागरुकता की आवश्यकता है कि थोड़ी सी चूक से लोग अपनी मेहनत की कमाई को खो देते हैं। ज्यादातर लोग लालच में आकर इसका शिकार हो जाते हैं, तो किसी भी अनजान व्यक्ति को अपने खाते से एवं गोपनीयता से सम्बंधित जानकारी साझा न करें। आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है कि प्रत्येक थाने पर महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई, जहां महिला पुलिस कर्मी उपस्थित रहकर महिलाओं से सम्बंधित मामलों को सुनकर उनका निस्तारण करती हैं और उनसे फीडबैक लेती हैं कि क्या उनकी समस्या का समाधान हो गया। अब किसी भी महिला का थाने जाने में संकोच नहीं होता है। अब इस प्रकार का माहौल थानों में बनाया गया है। उम्मीद है इस कार्यक्रम से सभी लोग जागरुक हुए होंगे और अपने-अपने क्षेत्र में जागरुकता फैलाएंगे।
डीएम ने कहा कि यह यातायात सुरक्षा, साइबर सिक्योरिटी और नारी शक्ति सहित तीनों विषयों पर आधारित महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। सड़क सुरक्षा के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार के जागरुकता से सम्बंधित कार्यक्रम पूरे माह में आयोजित किए गए। नारी शक्ति एक सम्मान का विषय रहा है। आज नारी शक्ति को सामानता और सुरक्षा दो परिपेक्ष में देखने की आवश्यकता है। शासन के निर्देशों के क्रम में इससे सम्बंधित भी विभिन्न कार्यक्रमों को निरन्तर आयोजित किया जा रहा है। तीसरा विषय है साइबर सिक्योरिटी, जिससे कोई भी अछूता नहीं है। फोन या किसी अन्य डिवाइस द्वारा हम सभी तकनीक का उपयोग करते हैं। जागरुकता के अभाव में बहुत सारी ठगी की घटनाएं देखी जाती है। इसलिए इसके प्रति स्वंय भी जागरुक हों और दूसरों को भी जागरुक करते रहें। विद्यालयों में शिक्षण अवधि के दौरान बच्चों को इन विषयों से सम्बंध में जागरुक करते रहें।
एसएसपी ने कहा कि समय समय पर इसी प्रकार की कार्यशाला का आयोजन होता रहे, जिससे समाज में इन विषयों से सम्बंधित जागरुकता उत्पन्न होती रहे। विद्यालयों में बच्चों को बताया जाए इन बातों का अपने परिवार व मित्रों के साथ साझा करें। पिछले माह दिसम्बर में 38 लोग एक्सीडेंट में मारे गए थे, 43 लोग एक्सीडेंट में घायल हुए थे। इस जागरुकता का परिणाम यह रहा कि इसे रोकने में पूरी तरह सफल तो नहीं हुए लेकिन यह आंकड़ा 38 से घटकर 20 पहुंच गया, यानि 18 लोगों की जान इस जनपद में बचाने में सफल हुए। सड़क सुरक्षा माह को केवल इस माह तक सीमित न रखें बल्कि इसका लगातार पूरे वर्ष इन बातों का अनुपालन स्वंय करें और दूसरां से भी कराएं। यातायात के नियमों का पूरी तरह से पालन करना इस कार्यक्रम का उद्देश्य है।
इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सिद्धार्थ वर्मा, नगर मजिस्ट्रेट बृजेश कुमार सिंह, सीओ सिटी आलोक मिश्रा सहित अन्य पुलिस क्षेत्राधिकारी व एआरटीओ सुहैल अहमद, पीटीओ रमेश प्रजापति, जिला प्रोबेशन अधिकारी अभय कुमार सहित अन्य सम्बंधित अधिकारी-कर्मचारी व स्कूली बच्चे व स्टाफ मौजूद रहा।