✍️सत्येंद्र यादव

अपरहण बलात्कार और हत्या के मामले को मिनिमाइज कर रही है पुलिस

पुलिस का कारनामा नामजद सहित अन्य आरोपियों को बचा दिया जेल जाने से

🟥मथुरा- खाता ना बही पुलिस कर दे वह सही यह कहावत जनपद के थाना माँट पुलिस पर पूरी तरह चरितार्थ हो रही है घटनाक्रम के अनुसार थाना क्षेत्र के गांव से एक नाबालिग युवती को दो नामजद बहला-फुसलाकर भगा ले गए पीड़िता के पिता ने थाने में तहरीर दी न तो पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की और ना ही नामजद लोगों के घर जांच करने का प्रयास किया 5 दिन बाद हरियाणा पुलिस ने थाना पुलिस को अपहृत युवती की हत्या की सूचना दी इससे पुलिस में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में मृतका के पिता को बुलाकर अपहरण की घटना की तहरीर लेकर मुकदमा लिखने के बाद पुलिस ने अपनी फजीहत होने से बचा लिया है । जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के गांव अंदुआ निवासी विक्रम पुत्र राम सिंह ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को शनिवार के दिन भेजे शिकायती पत्र में थाना माँट पुलिस की शिकायत करते हुए आरोप लगाया है उसकी पुत्री उम्र 17 वर्ष को गांव के संदीप और जयपाल बहला-फुसलाकर 6 मई को अपहरण करके ले गए थे। पीड़ित पिता ने अपनी पुत्री के अपहरण की घटना को लेकर दूसरे दिन थाना पुलिस को लिखित तहरीर नामजदो के विरुद्ध देकर कानूनी कार्रवाई की मांग की, थाना पुलिस ने गरीब पीड़ित की तहरीर तो ले ली मुकदमा नहीं लिखा और जांच करने की भी जरूरत नहीं समझी । युवती के पिता ने आरोप लगाया वह थाने के चक्कर लगाता रहा किंतु पुलिस ने उसकी एक नहीं सुनी, इसी दौरान 10 मई को थाने की पुलिस ने फोन कर बुलाया और उससे तहरीर लेकर आईपीसी की धारा 366 में मुकदमा दर्ज कर पुलिस उसे और उसके कई अन्य साथियों को लेकर हरियाणा के जनपद पलवल में पहुंचे तो वहां पर अपहृत का शव सरकारी अस्पताल में पड़ा हुआ मिला पुलिस ने पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम कराने के बाद शव को पीड़ित सुपुर्द कर दिया, जिसका शव गांव लाकर अंतिम संस्कार कर दिया , पुलिस ने मेरी रिपोर्ट को मिनिमाइज करते हुए मात्र अपहरण और आत्महत्या में दर्ज करने के बाद एक आरोपी जयप्रकाश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया घटनास्थल पर मेरी पुत्री के अलावा 2 लड़कों के कपड़े व अन्य सामान बरामद हुआ था। जिसे पुलिस ने बिना किसी लिखा पढ़ी किए दे दिया गया जिस मकान में मृतका का शव मिला वह कमरा किराए पर नामजद संदीप और जयप्रकाश को उनके रिश्तेदार मछला देवी और उसके पति अमर सिंह निवासी अलालपुर पलवल ने दिलाया था । पुलिस ने मृतका के शव का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल के द्वारा नहीं कराया गया, उसके साथ बलात्कार जैसी घटना की जानकारी के लिए स्लाइड भी नहीं बनाई गई और ना ही पोस्टमार्टम का वीडियो ग्राफी कराई गई। थाना माँट पुलिस ने इस घटना के एक आरोपी नामजद संदीप को क्लीन चिट दे दी है , जो पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाने के लिए पर्याप्त है। इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक से पूछा तो उन्होंने बताया यह मामला आत्महत्या का है , उसी के अनुरूप कार्रवाई की जा रही है आरोपी जयप्रकाश को जेल भेज दिया गया है पीड़ित का आरोप है पुलिस मेरे मामले में आरोपियों से नाजायज प्रभावित होकर मिनिमाइज कर अपहरण , हत्या और बलात्कार के मामले को कमजोर कर आरोपियों को लाभ पहुंचाने का काम कर रही है । इस मामले में जिन लोगों ने कमरा दिलाया जिसने कमरा दिया जो लोग उसका अपहरण करके ले गए, इसके अलावा उसकी मृत्यु क्यों और किन परिस्थितियों में हुई क्या उसके साथ बलात्कार की घटना कारित नहीं हुई होगी ! इन तमाम प्रश्नों का विवेचना में शामिल किया जाना आवश्यक है । पीड़ित ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के अलावा आईजी पुलिस आगरा राष्ट्रीय महिला आयोग राष्ट्रीय बालक अधिकार आयोग और मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को पंजीकृत डाक और ऑनलाइन शिकायतें भेजकर उच्चस्तरीय जांच और कार्रवाई की मांग की है।