“पीत पत्रकारिता का समाज पर दूषित प्रभाव” विषयक परिचर्चा का आयोजन

✍️ANA/S.K.Verma

🔴खगड़िया। ” पीत पत्रकारिता का समाज पर दूषित प्रभाव ” विषयक परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता वरिष्ट पत्रकार सह समाज में डॉ अरविन्द वर्मा ने की। अपने अध्यक्षीय भाषण में डॉ वर्मा ने कहा आज पत्रकारिता क्षेत्र में भी अतिक्रमण हो रहा है। अधकचरे और कम पढ़े लिखे नौजवानों का प्रवेश हो गया है, जिसका मुख्य पेशा हो गया है भयादोहन करना, धौंस जमा कर लोगों से उगाही करना। इससे पीत पत्रकारिता को बढ़ावा मिलता है।ऐसे पीत पत्रकार हमेशा प्रशासन के टारगेट में रहते हैं। इनकी मानसिकता ही नकारात्मक होती है। आगे डॉ वर्मा ने कहा आज भी लोगों को चौथे स्तंभ पर पूरा भरोसा है इसलिए पीत पत्रकारिता जैसे वायरस से समाज पर दूषित प्रभाव नहीं पड़े, इसका ख्याल रखना चाहिए। डॉ वर्मा ने आज के नौजवान पत्रकारों से अपील किया कि क्षणिक सुख के लिए आम जनता से विश्वासघात नहीं करें और पीत पत्रकारिता से कोसों दूर रहें। फरकिया क्षेत्र के चर्चित समाज सेवी चंद्रशेखर मंडल ने वरिष्ठ पत्रकार सह समाज सेवी डॉ अरविन्द वर्मा को पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया और कहा डॉ वर्मा ने चौथे स्तंभ की गरिमा को अबतक बनाए रखा। डॉ वर्मा समाज के हितकारी समाचारों को निर्भय होकर हमेशा प्रकाशित करते रहे। पीत पत्रकारिता से कोसों दूर रहे। इनकी सोच सकारात्मक रही है। समाज सेवी चंद्रशेखर मंडल ने कहा मैं सही और सच्चे पत्रकारों के साथ हूं और साथ रहूंगा। महिला पत्रकार एवं प्रभा महिला विकास समिति की सचिव इन्दु प्रभा ने अपने अखबार के स्थापना काल से अब तक के सफरनामे से लोगों को अवगत कराया। उन्होंने खट्टे मीठेअनुभवों को भी शेयर किया। आगे उन्होंने कहा पहला अखबार कंपोजिंग कराकर ट्रेडिल प्रिंटिंग मशीन पर छपवाकर प्रकाशित किया गया था। आज युग बदल गया, इसलिए हमें भी बदलना पड़ा। अब हमलोग डिजिटल युग में जी रहे हैं। उन्होंने पत्रकारों से अपील किया कि टीआरपी बढ़ाने के चक्कर में नहीं पड़ें, सच को निडर हो लिखें, जनता के समक्ष प्रमाणित तथ्य ही उजागर करते रहें। परिचर्चा का आयोजन एक अखबार के स्थापना दिवस पर किया गया था। परिचर्चा में भाग लेने वालों में प्रमुख थे वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार वर्मा, सुरेश नायक, अजय वर्मा, साहिल आनन्द, गौरव वर्मा, एडवोकेट प्रियवर्त सिंह, आर आर वर्मा तथा सुरेश कुमार आदि।