🟥संत कबीर नगर / जैसे संत के नाम पर जिले का नामकरण करने वाले भी आज खुद शर्मिंदा महसूस करते होंगे। सुख, समृद्धि और समानता के मूल आधार पर स्थापित इस जनपद में भ्रष्टाचार का प्रचलन तो बहुत पुराना है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से जिले के बड़े अधिकारियों द्वारा अपने मातहतों से की जा रही वसूली का आडियो वायरल होने की जब श्रृंखला शुरू हुई तो समूचा जनमानस भी दंग रह गया। कबीर की मिट्टी पर प्रेम के पुजारी निकले डीएम, सांसद निधि में हिस्सेदार बने पीडी, सीडीओ और ब्लॉक के अकाउंटेंट के बाद अब एआर को ऑपरेटिव का 6 हजार रूपए लेने की प्रथा से आम जनमानस भी भौचक्का है। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जीरो टॉलरेस नीति का दावा करने वाली योगी के सरकार में जो हो रहा है ओ कभी भी देखने को नहीं मिला। आखिर ईमानदार सीएम के अधिकारी इतने बेईमान क्यों और किसके शह पर हो गए ये सवाल आज आम जनमानस के बीच एक यक्ष प्रश्न की तरह खड़ा है। क्या योगी सरकार साहबों के भ्रष्टाचार के कदमों में झुक गई या फिर साहबों के रसूख के आगे सरकार के जनप्रतिनिधि नतमस्तक हो गए? सेमरियावां ब्लॉक में खुद के भ्रष्टाचार पर पर्दा लगा रहे बीडीओ पर सरकार के सिपाही कुछ यूं मेहरबान हैं कि वहां कोई काम ही नही हो पा रहा है। साहब अगर सच में आप भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े हैं तो विकास को आगे बढ़ा कर लूट करने में जुटे भ्रष्टाचार के व्यापारियों को शिकंजे में जकड़िए।

✍️अभिनाष जायसवाल