पुत्र ने टाली से ही शव को लेकर तीन किलोमीटर चलाकर लाया घर

– मां भी शव के साथ टाली पर बैठकर रोती यही ,लोग देखते रहे तमाशा

– मुंगेर में स्वास्थ्य विभाग बना है लापरवाह

🔴डॉ शशि कांत सुमन

मुंगेर । जिले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही देखने को मिली। वृद्ध की मौत हुई तो उसके शव को ले जाने के लिए उसके पुत्र को स्वास्थ विभाग ने एक एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं करवाया। हालत यह रही लाचार और बेबस पुत्र ने अपने पिता के शव को टाली पर रखकर उसके पास अपनी मां को बिठाकर रोते हुए टाली को तीन किलोमीटर चला कर अपने घर लाया।कोतवाली थाना क्षेत्र के सुंदरपुर के रहने वाले 60 वर्षीय देवी दास को उसके पुत्र छोटू तबीयत बिगड़ने पर सदर अस्पताल लाया। इलाज के दौरान मंगलवार की सुबह छोटू के पिता की मौत हो गई। मौत के बाद छोटू ने अस्पताल प्रबंधन से डेड बॉडी को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस की मांग की, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने छोटू को एंबुलेंस नहीं उपलब्ध कराया। छोटू एक घंटे तक कभी इस कार्यालय तो कभी उस कार्यालय का चक्कर लगाते रहा। इस दौरान इमरजेंसी वार्ड में इलाज कर रहे चिकित्सक, नर्स एवं स्वास्थ्य कर्मी से भी एंबुलेंस दिलवाने की गुहार लगाता रहा ।लेकिन स्वास्थ्य विभाग प्रबंधन के लोगों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। अंत में छोटू थक हार कर रोते हुए उसके अपने पिता के शव को टाली पर रखा और मां को टाली पर ही लाश के बगल बिठा दिया। छोटू बिलखते हुए तीन किलोमीटर टाली चलाकर धर लाया । इस दृश्य को देखने के लिए स्वास्थ विभाग के कई कर्मी मौजूद थे। लेकिन किसी ने यह पहल नहीं की इस गरीब को एक एंबुलेंस मिल जाए। छोटू ने कहा कि एंबुलेंस चालक से जब हमने बोला कि हमको एंबुलेंस दीजिए घर जाना है ,एंबुलेंस चालकों ने कहा कि तुम्हारे घर की ओर जाने वाली सड़क खराब है। इसलिए नहीं जा सकती है । मैं क्या करूं गरीब हूं? मेरे पिता कचरा बिनकर परिवार चलाते थे। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉक्टर पीएम सहाय को कई बार मोबाइल पर कॉल किया गया लेकिन उन्होंने फोन उठाना तक
मुनासिब नहीं समझा। सिविल सर्जन डॉक्टर पीएम सहाय से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने कई दफा फोन करने के बाद भी फोन रिसिव नहीं किया।