✍️जी. पी. दुबे
संवाददाता
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»»»आक्रोशित ग्रामीणों ने परसा- परशुरामपुर मार्ग किया जाम

🟥बस्ती जुलाई परशुराम क्षेत्र के रघवापुर गांव में 27 जुलाई दोपहर बाद राजस्व टीम ने पट्टाधारक के पट्टे की भूमि से शौचालय ढहा कर भूमि मे लगे नल को हटवा दिया ।
राजस्व टीम के मनमानी कृत से आक्रोशित पट्टेधारकों एवं ग्रामीणों ने परसा -परशुरामपुर मार्ग पर श्रृंगीनारी चौराहे के समीप चक्का जाम कर राजस्व विभाग के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया।इस दौरान प्रर्दशन में शामिल महिलाएं हल्का लेखपाल के विरुद्ध कार्रवाई की मांग कर रहीं थी। नाराज पीड़ितों को हटाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
थाना प्रभारी रामेश्वर यादव के द्वारा न्याय दिलाने का आश्वासन दिया गया तब जाकर आवागमन बहाल हुआ ।
जानकारी के मुताबिक रघवापुर गांव में गुरुवार को गाटा संख्या 288 रकबा 321 एअर में छः पट्टेदारों के नाम कृषि पट्टा 1987 में आवंटित हुआ। जिसमें रामफेर, जगन्नाथ, रामदेव, करीम, राम केतार , तथा लाला के नाम आवंटित हुआ था। जिसकी स्वीकृति उपजिलाधिकारी द्वारा हुयी है। नायब तहसीलदार ऋषभ सिंह की अगुवाई में राजस्व टीम पुलिस बल के साथ जगन्नाथ पुत्र दिनई के शौचालय को गिरा भूमि में लगा नल हटवा दिय दिया।
जिसके चलते पट्टेदारों के साथ ग्रामीण आक्रोशित होकर परसा परसरामपुर मार्ग पर आकर बैठकर सड़क को जाम कर दिये। जिससे आवागमन बाधित हो गया। सूचना पर पहुँची परशुरामपुर पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगो को समझा कर आवागमन बहाल कराया।
बताते चले पिछले 6 जुलाई को तहसील प्रसाशन ने जगन्नाथ के निर्माणधीन नींव और पिलर को गिराने का काम किया था।
पीड़ित पक्ष के पुत्र राम नरेश का कहना हैं कि उक्त गाटा संख्या में मेरे पिता के नाम से 38 एअर ज़मीन आवंटित है जिसमें हम निर्माण कार्य को किये थे ।तहसील प्रसाशन ने मनमानी तरीके से हमारे निर्माण को गिरा दिया।
प्रधानपति राम सुभावन वर्मा के मुताबिक ग्राम सभा के अभिलेख में गाटा संख्या २८८/ ३२१एअर भूमि है जबकि रकबे से अधिक भूमि का आवंटन अभिलेख में दर्ज है।इसी भूमि से रास्ता भी पुराने समय से चलता है और पट्टा आवंटन के पूर्व से कुछ लोगों का रिहायशी घर भी बना हुआ है । प्रधानपति ने उपजिलाधिकारी गुलाब चंद से मिलकर पट्टा आवंटन पत्रावली जांच कराने की मांग किया है।
मामले में नायब तहसीलदार ऋषभ सिंह ने बताया कि गाटा संख्या 288 में 5 लोग पट्टेदार हैं। उसके बाद कुछ शेष भूमि ग्राम समाज की है जिनके द्वारा कब्जा किया गया था। उनके नाम राजस्व अभिलेख में कुछ दर्ज नहीं है। राजस्व टीम पट्टे की भूमि खाली कराकर पट्टेदारों को आवंटित करने के लिए कार्यवाही कर रही थी।
उपजिलाधिकारी गुलाब चंद के मुताबिक राजस्व टीम विवादित भूमि के सीमांकन के लिए गयी थी ।