– हंगामे के बाद भी हर

नौवागढ़ी बाजार में इलाज के दौरान महिला की मौत की गुत्थी अब भी है अनसुलझी

– हंगामे के बाद भी हरकत में नहीं दिख रहा स्वास्थ्य विभाग

– डाक्टर पुलिस और परिजनों की कथित सांठगांठ से मामला हुआ रफा-दफा

 

🛑मुंगेर : मुंगेर के नौवागढ़ी बाजार स्थित एक निजी नर्सिंग में पिछले चार दिन पूर्व इलाज के दौरान डाक्टर की लापरवाही से एक महिला की मौत पर नर्सिंग होम पर खुब हंगामा हुआ था। पुलिस भी आई थी। सूत्रों की माने तो पीङित परिवार ने पुलिस को आवेदन भी दिया था। भारी हंगामा को देखकर पुलिस ने नर्सिंग होम को बंद भी करवा दिया था। फिर से नर्सिंग होम खुलने से नौवागढ़ी क्षेत्र में कई तरह की चर्चा हो रही है। कोई पुलिस की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं तो कोई पीङित परिवार पर। आखिर कही मामला सेटलमेंट तो नहीं हो

 

गया। पुलिस – डाक्टर और पीङित परिवार की साठ गांठ को लेकर लोग सवाल उठा रहें है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि बिना डिग्रीधारी डाक्टर को आखिर किसी इंसान की जिंदगी से खेलने का अधिकार किसने दिया ? नौवागढ़ी क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या भरमार है। स्वास्थ्य विभाग सहित जिला प्रशासन के आला अधिकारी खामोश है। धटना को लेकर लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन को मामले का जांच करना चाहिए। ताकि डाक्टर की लापरवाही से किसी इंसान की मौत ना हो सकें। इस क्षेत्र में खुलेआम प्रतिबंधित दवाईयां भी बिक रही है। इस क्षेत्र में बिना डिग्रीधारी चिकित्सकों के साथ-साथ पैथोलॉजी दुकान की भी भरमार है। स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता कहे या लापरवाही। आए दिन इस क्षेत्र में बिना डिग्री धारी डॉक्टर से इलाज के दौरान कई तरह की घटनाएं भी घटती रहती है । चार दिन पूर्व एक महिला की मौत पर डॉक्टर के दवाई दुकान पर लोगों ने जमकर हंगामा किया था। हंगामा की सूचना पर पुलिस आई और आक्रोशित लोगों को शांत करते हुए नर्सिंग होम को बंद भी करवा दिया था। सूत्रों का कहना है कि मृतक महिला नौवागढ़ी क्षेत्र के केशोपुर गांव की रहने वाली थी और उसका मायका भी इसी क्षेत्र के टोटहा गांव था। मृतक महिला के ससुराल वाले तथा मायके वाले ने मौत की सूचना पर दवाई दुकान पर जमकर हंगामा किया था और बिना डिग्री धारी डॉक्टर को मौत का जिम्मेदार खुलेआम फहराया था हंगामा के बाद पुलिस आई। दवा दुकान को बंद भी कराया । उसके बाद मामला रात होते-होते सेटलमेंट की ओर होता चला गया और महिला की मौत का राज दफन हो गया। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में मोटी रकम का खेल बिना डिग्री धारी डॉक्टर के द्वारा खेला गया जिस कारण यह मामला दब सा गया। जिस प्रकार से स्वास्थ्य विभाग इस मामले में उदासीनता दिखाई उसको लेकर कई तरह के सवाल लोग उठ रहे।

कत में नहीं दिख रहा स्वास्थ्य विभाग

– डाक्टर पुलिस और परिजनों की कथित सांठगांठ से मामला हुआ रफा-दफा

 

मुंगेर : मुंगेर के नौवागढ़ी बाजार स्थित एक निजी नर्सिंग में पिछले चार दिन पूर्व इलाज के दौरान डाक्टर की लापरवाही से एक महिला की मौत पर नर्सिंग होम पर खुब हंगामा हुआ था। पुलिस भी आई थी। सूत्रों की माने तो पीङित परिवार ने पुलिस को आवेदन भी दिया था। भारी हंगामा को देखकर पुलिस ने नर्सिंग होम को बंद भी करवा दिया था। फिर से नर्सिंग होम खुलने से नौवागढ़ी क्षेत्र में कई तरह की चर्चा हो रही है। कोई पुलिस की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं तो कोई पीङित परिवार पर। आखिर कही मामला सेटलमेंट तो नहीं हो गया। पुलिस – डाक्टर और पीङित परिवार की साठ गांठ को लेकर लोग सवाल उठा रहें है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि बिना डिग्रीधारी डाक्टर को आखिर किसी इंसान की जिंदगी से खेलने का अधिकार किसने दिया ? नौवागढ़ी क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या भरमार है। स्वास्थ्य विभाग सहित जिला प्रशासन के आला अधिकारी खामोश है। धटना को लेकर लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन को मामले का जांच करना चाहिए। ताकि डाक्टर की लापरवाही से किसी इंसान की मौत ना हो सकें। इस क्षेत्र में खुलेआम प्रतिबंधित दवाईयां भी बिक रही है। इस क्षेत्र में बिना डिग्रीधारी चिकित्सकों के साथ-साथ पैथोलॉजी दुकान की भी भरमार है। स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता कहे या लापरवाही। आए दिन इस क्षेत्र में बिना डिग्री धारी डॉक्टर से इलाज के दौरान कई तरह की घटनाएं भी घटती रहती है । चार दिन पूर्व एक महिला की मौत पर डॉक्टर के दवाई दुकान पर लोगों ने जमकर हंगामा किया था। हंगामा की सूचना पर पुलिस आई और आक्रोशित लोगों को शांत करते हुए नर्सिंग होम को बंद भी करवा दिया था। सूत्रों का कहना है कि मृतक महिला नौवागढ़ी क्षेत्र के केशोपुर गांव की रहने वाली थी और उसका मायका भी इसी क्षेत्र के टोटहा गांव था। मृतक महिला के ससुराल वाले तथा मायके वाले ने मौत की सूचना पर दवाई दुकान पर जमकर हंगामा किया था और बिना डिग्री धारी डॉक्टर को मौत का जिम्मेदार खुलेआम फहराया था हंगामा के बाद पुलिस आई। दवा दुकान को बंद भी कराया । उसके बाद मामला रात होते-होते सेटलमेंट की ओर होता चला गया और महिला की मौत का राज दफन हो गया। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में मोटी रकम का खेल बिना डिग्री धारी डॉक्टर के द्वारा खेला गया जिस कारण यह मामला दब सा गया। जिस प्रकार से स्वास्थ्य विभाग इस मामले में उदासीनता दिखाई उसको लेकर कई तरह के सवाल लोग उठ रहे।