– निरीक्षण में मदद करने के लिए बीते रविवार को मुंगेर पहुंच चूकीं है सहयोगी टीम

– ड्रेस कोड का पालन नहीं कर रहें हैं न्यायिक कर्मी

 

🟥मुंगेर : मुंगेर न्याय मंडल के निरीक्षी न्यायाधीश डां अंशुमन दो दिवसीय दौरा पर मुंगेर पहुंच रहें हैं ।वे 21 जनवरी ( शनिवार ) को मुंगेर व्यवहार न्यायालय का वार्षिक निरीक्षण करेंगे ।इस दौरान न्यायाधीश मंडल कारा , जेजे वोर्ड, डीएलएसए व अन्य जगह का भी निरीक्षण करेंगे ।22 जनवरी को न्यायाधीश मुंगेर से पटना के लिए प्रस्थान करेंगे ।
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बताते चलें कि निरीक्षी न्यायाधीश को निरीक्षण में मदद करने के लिए लिए चार सदस्यीय टीम बीते 15 जनवरी (रविवार) को मुंगेर पहुँचे । टीम में एसओ ,उपेन्द्र कुमार भगत , एएसओ गौरव मिश्रा एवं देवेश कुमार और कंप्यूटर ऑपरेटर सह टाइपिस्ट शैलेश कुमार हैं ।
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व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है-

रणवीर सिंह निबंधक ( निगरानी ) प्रभारी पटना उच्च न्यायालय सिविल कोर्ट मुंगेर के निरीक्षण के संबंध में जिला जज अशोक कुमार पांडेय को 10 जनवरी को निर्देश दिया था ।

निरीक्षण की जानकारी मिलते ही विभिन्न न्यायालय व कार्यालय के कर्मी केस संचिका व अन्य संचिका को अपटूडेट करनें में व्यस्त हो गये ,ताकि निरीक्षण के दौरान संबंधित संचिका को पेश किया जा सके ।
इसके आलावा सिविल कोर्ट में सफाई व्यवस्था को भी दुरुस्त किया जा रहा है ।न्यायालय परिसर में स्वच्छ रखने में सहयोग करें, यहां -वहां न थूके , मेहरबानी करें का दर्जनों पंमपिरेट भी सिविल कोर्ट के दीवारों में चिपकाया गया है ।साथ ही साथ जिला जज खुद ही सिविल कोर्ट का निरीक्षण कर खामियों को दुर करने का निर्देश संबंधित कर्मी को दें रहें हैं ।वृक्षों का भी रंग रोगन का कार्य किया जा रहा है ।
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ड्रेस कोर्ड का पालन नहीं –

16 जनवरी से निरीक्षण टीम के द्धारा सिविल कोर्ट में निरीक्षण किया जा रहा है । टीम के द्धारा संचिका का अवलोकन किया जा रहा ,लेकिन इस दौरान भी सिविल कोर्ट कर्मी ड्रेस कोर्ड का पालन नहीं कर रहें हैं । कर्मी पेशी लेने से भी नहीं डर रहे हैं तथा इनके साथ कई अनाधिकृत कर्मी अब भी न्यायिक कार्य में भागीदारी निभा रहे हैं ।
बताते चलें कि विभिन्न मुद्दों एवं समस्याओं पर कई अधिवक्ता एवं मुवक्किल निरीक्षी जज से शिकायत भी करने वाले हैं ।
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आरटीआई अधिनियम के तहत सिविल कोर्ट में नहीं लगा है वोर्ड –

आरटीआई अधिनियम 2005 के तहत मुंगेर न्याय मंडल में लोक सूचना पदाधिकारी क्रिमिनल ,लोक सूचना पदाधिकारी सिविल एवं प्रथम अपीलीय प्राधिकार का वोर्ड नहीं लगा हुआ है ।जिस से आम जनों को काफी कठिनाई होती है ।वहीं, आवेदक को वांछित सूचना उपलब्ध कराने में लोक सूचना पदाधिकारी भी गंभीर नहीं है .