रिपोर्ट :आशु शर्मा
जनपद :एटा
मो. 8445337066

🟥एटा -आप तो अच्छी तरह जानते होंगे किस तरह एटा पुलिस प्रशासन अपनी खाकी वर्दी की आड़ में अपने दायित्वो कर्तव्यो को निभा रहा है इस मामले को देखकर आपको स्पष्ट पता चल जाएगा किस कदर आरोपी गढ़ अपने मंसूबों से कामयाब होने की फिराक से किस तरह के हथकंडे अपना रहे हैं यह जानकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जायेगी जी हां यह बिल्कुल सच है ऐसे मामले जनपद एटा के तहसील अलीगंज के थाना क्षेत्र मैं देखने को मिल रहे हैं जिससे आम जनमानस तथा सोशल मीडिया भी अच्छी तरह वाखिव है एक तरफ तरफ उत्तर प्रदेश के सुबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की पूर्ण बहुमत से सरकार अभी बन पाई है तथा अभी शपथ लेने को बाकी है तब तक बौखलाए आरोपी गणों ने फैसला के दबाव के चलते फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया है अब आपको बता दूं वर्ष 2009 में नन्हे को मृतक दिखाकर रतीराम भोजराज ने उसके हिस्से की सारी जमीन को अपने नाम करा लिया नन्हे को पता चला तो उसके हाथ-पैर फूल गए जिसकी भनक लगते ही आरोपी गणों ने उसको रास्ते में ही मारपीट कर मरणासन्न कर दिया तथा धोखाधड़ी के मुकदमे में फंसने की डर की वजह से उसको रास्ते से हटा देने का प्रयास किया तथा आरोपी गणों ने सोनू के भाई जितेन्द्र को सरेआम गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी जिसका मुकदमा अपराध संख्या 284 सन 2019 धारा 147 148 149 323 504 506 302 आईपीसी थाना अलीगंज जनपद एटा में पंजीकृत है जो न्यायालय में विचाराधीन है तथा अन्य मुकदमे विचाराधीन है जिसमें कुछ चश्मदीद गवाह है जिसमें बचने के लिए कतई फर्जी मुकदमा लिखाया गया है अब सोचने समझने की बात है कि जब आरोपी गणों ने स्वयं जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर उसके सरकारी मशीनरी से दस्तावेज तैयार करा कर अपने नाम जमीन करा ली जिसके साक्ष्य दरज खतौनी है यह दर्शाता है कि मृतक नन्हे के स्थान पर रतीराम तथा हेमराज का नाम बताौर बारिश दर्ज हो गया है तो इसमें अव कोई वात छुपाने की बात नहीं है लेकिन अफसोस की बात यह है कि थाना अलीगंज जनपद एटा पुलिस बगैर जांच किए निर्दोष बेकसूर लोगों के घरों पर ताबड़तोड़ दबिश दे रही है अगर इसकी हकीकत की गहनता से जांच की जाए सभी तथ्यों के आधार पर तो नामजद लोग कतई निर्दोष साबित होंगे तथा खुद मुकदमा वादी इसके गुनेगार निकलेंगे इसलिए इस मुकदमा की जांच पीड़ित ने उच्चस्त्री कराए जाने की एसआईटी सीबी आई एस टी एफ सीबीसीआईडी से मांग की है क्योंकि ऐसे जघन्य गंभीर अपराध में कोई भी बेकसूर निर्दोष लोग न फंसे अगर पुलिस पर स्थानीय राजनेताओं का दबाव न पड़े तो पुलिस हर मामले में गहनता से जांच कर दूध का दूध और पानी का पानी अलग कर देगी किंतु राजनैतिक लोगों के दबाव के चलते पुलिस निष्पक्ष काम करने में असमर्थ हो रही है ऐसी स्थिति में शासन स्तर से जांच किया जाना आवश्यक है पीड़ित ने उक्त के संबंध में शासन स्तर पर तथा भारत सरकार के तथा उच्च न्यायालय तथा सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को निष्पक्ष जांच हेतु प्रार्थना पत्र प्रेषित किए हैं जिससे कोई भी निर्दोष वेगुना लोग ना फंसे