मादक द्रव्यों का सेवन नहीं करने का करो प्रण – महर्षि अरविन्द

✍️ANA/S.K.Verma

🛑खगड़िया। नए साल में नशा करो, खूब करो, दिन रात करो, जहां चाहो करो, जब चाहे करो, किसी से मत डरो, तुम्हारा कोई बाल बांका नहीं कर सकेगा। प्रभु के सुमिरन करने का ही नशा करो। उक्त बातें नए साल आगमन की पूर्व संध्या पर अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक केन्द्र के संस्थापक महर्षि अरविन्द ने मीडिया से कहीं। आगे उन्होंने कहा वैसे तो संसार में हर लोग किसी न किसी तरह से नशा कर ही रहे हैं। किसी को दौलत बनाने का नशा है, किसी को जमीन खरीदने का नशा है, किसी को हर महीने नई नई गाड़ियों को बदलने का नशा है, किसी को नाचने गाने का नशा है, किसी को राजनीति करने का नशा है, किसी को समाज सेवा करने का नशा है, किसी को घूस कमाने का नशा है, किसी को नर्सिंग होम खोल कर रोगियों एवं उनके परिजनों को लूटने का नशा है, किसी को धूम्रपान करने का नशा है, किसी को चोरी करने का नशा है, किसी को पढ़ लिख कर बड़ा ऑफ़िसर बनने का नशा है, किसी को डकैती करने का नशा है, किसी को केश मुकदमा कर एक दूसरे को फंसाने का नशा है, किसी को नकली दवाई बेचकर धन कुबेर बनने का नशा है, किसी को सरकारी टैक्स चोरी करने का नशा है, किसी को पत्रकारिता करने का नशा है, किसी को कहानी , कविता, लेख लिखने का नशा है, किसी को स्कूल और कोचिंग संस्थान खोल कर छात्र, छात्राओं और उनके अभिभावकों को ठगने का नशा है, किसी को नशा बंदी के बाद भी शराब और स्मैक्स चोरी छिपे बेच कर धन कुबेर बनने का नशा है, किसी को सत्संग और संकीर्तन करने का नशा है। कहने का तात्पर्य ये है कि आज हर कोई नशे में चूर है। आगे महर्षि अरविन्द ने कहा अरे भैया, नशा करना ही है तो प्रभु के सुमिरन कर भक्ति भाव में डूबे रहने का नशा करो, इससे तुम्हारे परिवार का, समाज का, मुहल्ले का, राज्य का और देश का कल्याण होगा और देश राम राज्य की तरफ बढ़ेगा। आगे महर्षि अरविन्द ने कहा हर इंसान को प्रण कर लेना चाहिए कि नए साल में हम हरगिज मादक द्रव्यों का सेवन नहीं करेंगे चाहे जो हो जाय तभी समाज का सर्वांगीण विकास संभव हो पायेगा और आम जनों को नई खुशियां मिल पायेगी।