कृषि टास्क फोर्स की आहूत बैठक में डीएम ने दिए कड़ा एक्शन लेने का निर्देश

किसानों की समस्याओं के निदान को तत्पर रहेगा प्रशासन – अमित पाण्डेय, डीएम

✍️ANA/Arvind Verma

खगड़िया बिहार। जिलाधिकारी अमित कुमार पांडेय की अध्यक्षता में कृषि टास्क फोर्स की बैठक समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित की गई। कृषि टास्क फोर्स की बैठक में गरमा फसलों के कवरेज, उर्वरकों के उपलब्धता की स्थिति, उर्वरक विक्रेताओं की जांच, गरमा मौसम के बीज वितरण, आकस्मिक फसल योजना के सूत्रण इत्यादि विषयों की समीक्षा की गई एवं जिलाधिकारी द्वारा महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए। समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी ने पाया कि जिले में गरमा फसलों का आच्छादन 63% पर पहुंच गया है। ‌ अलौली प्रखंड में आच्छादन मात्र 42% था, जिसे बढ़ाने का निर्देश जिलाधिकारी ने दिया। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि ढैंचा, मक्का, मूंग, राजमा, सूरजमुखी, उड़द इत्यादि मुख्य गरमा फसलें हैं। गरमा फसलों के बीज का वितरण भी शत प्रतिशत किया जा चुका है, जिस पर जिलाधिकारी ने संतोष व्यक्त किया। उर्वरक के उपलब्धता की स्थिति की समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी ने पाया कि यूरिया, डीएपी, एनपीके, एमओपी किस जिले में उपलब्ध आवश्यकता से अधिक है और गरमा मौसम के दौरान उर्वरक की कमी नहीं होगी। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि कृषि वर्ष 2022-23 के दौरान 15 दिसंबर के बाद से यूरिया की आपूर्ति सुधरी है। जिलाधिकारी को बताया गया कि जिले में उर्वरक की आपूर्ति हेतु एक रैक पॉइंट, उर्वरक के 16 थोक विक्रेता एवं 552 पॉइंट ऑफ सेल हैं। उर्वरक की कालाबाजारी को रोकने के लिए चालू कृषि वर्ष में खगड़िया अनुमंडल में 60 एवं गोगरी अनुमंडल में 45 छापामारी की गई, जिनमें अनियमितता के क्रमशः 18 एवं 7 मामले पाए गए। 6 मामलों में प्राथमिकी दर्ज की गई, 14 मामलों में अनुज्ञप्ति रद्द किए गए, 3 अनुज्ञप्तियों को निलंबित किया गया एवं 7 मामलों में स्पष्टीकरण किया गया है। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि सर्वाधिक 20 यूरिया क्रेताओं के जांच के क्रम में 220 में से 210 जांच कर ली गई है एवं 10 जांच लंबित है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि उर्वरक के वितरण एवं कालाबाजारी रोकने पर मुख्य फोकस रहेगा। इसके साथ ही आकस्मिक फसल सूत्रण, बीज वितरण, मृदा स्वास्थ्य कार्ड रिपोर्ट के वितरण भी प्राथमिकता में रहेंगे। जिलाधिकारी ने टास्क फोर्स की बैठक में जिला गव्य विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया कि निदेशालय से प्राप्त लक्ष्य को जनता के बीच प्रचारित करें, ताकि सब्सिडी वाले मामले में लक्ष्य को पूरा करने में सहूलियत हो। उन्होंने जिला पशुपालन पदाधिकारी से पशुचारा के निविदा के संबंध में जानकारी ली और पाया कि निविदा निस्तारित की जा चुकी है। पशुओं के लिए 35 प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं। जिला पशुपालन पदाधिकारी ने पशुपालन कार्यालय की चारदीवारी के निर्माण के लिए जिलाधिकारी से अनुरोध किया। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि उनके स्तर से पत्र विभाग को भेजा जाए। जिलाधिकारी ने खगड़िया से मछली को अन्य राज्यों में भेजे जाने के संबंध में भी जानकारी ली। उन्हें बताया गया कि सिंघी, मांगूर, चीतल मछली मुख्य रूप से बंगाल एवं पंजाब आदि राज्यों को भेजी जाती है। खगड़िया में जलकरों में पर्याप्त मछली का उत्पादन होता है। टास्क फोर्स की बैठक के समापन के अवसर पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि किसान सलाहकारों की बहाली विधिवत पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए कृषि विभाग को निरंतर प्रयासरत रहना होगा। बैठक में उप विकास आयुक्त संतोष कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी शैलेश कुमार, कार्यपालक अभियंता विद्युत अजीत कुमार, जिला सहकारिता पदाधिकारी दीपक कुमार, प्रभारी जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ कुमार कांता प्रसाद, सहायक निदेशक, उद्यान मो० जावेद, सहायक निदेशक, पौध संरक्षण श्याम नंदन कुमार, सहायक निदेशक, कृषि अभियंत्रण रजनीश रंजन, उप परियोजना निदेशक, आत्मा भारत भूषण, वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान, कृषि विज्ञान केंद्र सुश्री अनिता कुमारी, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी आशुतोष आनंद सहित कृषि टास्क फोर्स के अन्य सदस्य उपस्थित थे।