देवरिया 05 अक्टूबर। जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने बताया कि जनपद के सभी ग्राम पंचायतों में आंगनबाड़ी केंद्रों के खुद के भवन निर्मित होंगे। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र प्री-प्राइमरी शिक्षा का आधार बिंदु है। इसके साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा समुदाय आधारित गतिविधियां भी आयोजित की जाती हैं।

जिलाधिकारी ने उपायुक्त श्रम एवं रोजगार, जिला पंचायती राज अधिकारी, समस्त खंड विकास अधिकारियों एवं समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारियों को इस संबंध में एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया की लाभार्थियों में जागरूकता व समुदाय आधारित गतिविधियों एवं स्कूल पूर्व शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने हेतु यह आवश्यक होगा कि जिन ग्राम पंचायतों में प्राथमिक विद्यालय परिसर में 670 वर्ग फीट की भूमि उपलब्ध है वहां आंगनबाड़ी केंद्रों हेतु स्वयं के विभागीय भवनों न होने की स्थिति में उन पर निर्माण कार्य कराया जाए।
प्रत्येक ग्राम प्रधान/ग्राम पंचायत द्वारा अपने जीपीडीपी 2021 की कार्ययोजना में ग्राम में संचालित कुल आंगनबाड़ी केंद्रों के सापेक्ष जिन केंद्रों हेतु भवन निर्मित नहीं हुआ है तथा ग्राम की प्राथमिक विद्यालय में पर्याप्त भूमि उपलब्ध है, उन्हें आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण की कार्ययोजना में अनिवार्य रूप से शामिल कर लिया जाए। मनरेगा की लेबर बजट के निर्धारण में इस प्रकार की व्यवस्था की जाए कि अधिक से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण हेतु बजट आवंटित हो सके। जिलाधिकारी ने बताया कि मनरेगा, पंचायती राज एवं बाल विकास विभाग के कन्वर्जेंस के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण हेतु समय-समय पर जनपद स्तर से वर्ष वार लक्ष्य निर्धारित कर प्रस्ताव प्रेषित किए जाते हैं। प्रेषित प्रस्तावों के आधार पर निदेशालय बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा बजट आवंटित किया जाता है, जिन पर मनरेगा व पंचायती राज विभाग के कन्वर्जेंस के माध्यम से भवन निर्माण कराया जाता है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों का विशेष महत्व है गर्भवती/धात्री महिलाएं किशोरी बालिकाएं, 6 माह से 3 वर्ष के बच्चे तथा उनके अभिभावकों को आमंत्रित किया जाता है एवं वीएचएसएनडी सत्र भी आयोजित किए जाते हैं। नई शिक्षा नीति के लागू होने के बाद आंगनवाड़ी केंद्रों की भूमिका और बढ़ जाएगी। अतः जनपद में अधिक से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र को स्थापित करने का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। इसमें किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाए अन्यथा कड़ी कार्रवाई होगी।