🟥लालगंज, आजमगढ।

✍️रिपोर्टर, अब्दुर्रहीम शेख़

इस अवसर पर दारुल उलूम देवबंद के उप प्रबंधक मुफ्ती राशिद कासमी आज़मी ने कहा शिक्षा की अलख जगाने वाले संस्थानों की हमें हर प्रकार की सहायता करनी चाहिए। क्योंकि यह मानव को संस्कारवान बनाने के सर्वोत्कृष्ट स्थान हैं। इनकी हमें कद्र करनी चाहिए तथा इन्हें हर प्रकार से सहायता करने का भाव रखना चाहिए। मदरसा के प्रबंधक हबीबुर्रहमान कासमी ने तमाम अतिथियों का स्वागत करते हुए मदरसा की वार्षिक रिपोर्ट पेश की। इस अवसर पर उन्होंने कहा तालीम के लिए जितनी जरूरत बच्चों की है उतनी ही बच्चियों को भी शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए क्योंकि बच्चियां शिक्षावान होकर दो परिवारों को लाभान्वित करती हैं। इससे पूर्व जलसे का आरंभ कारी शमीम और छात्र मोहम्मद के द्वारा पवित्र कुरान की‌ तिलावत से किया गया। तत्पश्चात छात्र मोहम्मद के द्वारा ही प्रस्तुत की गई नात का मौलाना एजाज ने अनुवाद किया। कार्यक्रम का संचालन मौलाना अब्दुल्लाह ने तथा मौलाना राशिद कासमी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर मुफ्ती सुफियान अहमद, हाफिज अजमल, मौलाना खालिद आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे। इस अवसर पर 55 हाफिज की दस्तारबंदी भी अमल में आई। इन बच्चों को मौलाना हबीबुर रहमान कासमी और मुफ्ती राशिद कासमी ने बधाई प्रदान करते हुए इनके उज्जवल भविष्य की कामना की। आज प्रातः महिलाओं का जलसा आयोजित किया गया जिसमें क्षेत्र की काफी संख्या में महिलाओं ने प्रतिभाग किया।