✍️विनय कुमार गुप्ता

🔴प्रतिनिधि रुद्रपुर देवरिया
रुद्रपुर स्थित पौराणिक तीर्थ के रूप में विख्यात दुग्धेश्वर मन्दिर आज उपेक्षाओं का शिकार बना हुआ हैं। मन्दिर परिसर के आसपास जलजमाव कीचड़ व्यवस्था की पोल खोलती नजर आ रही हैं। झमाझम बरसात शुरू होते ही मन्दिर परिसर के दक्षिण तरफ घुटने भर पानी लगा है कीचड़ पहचान बन गयी हैं उपेक्षाओं का आलम हैं कि मन्दिर की मुख्य सड़क जलजमाव से सरकारी दावों को मुह चिढ़ा रही हैं। बताते चले कि सरकारी जअफसर जिले में जब दाखिला लेते हैं तो बाबा के दरबार मे मत्था टेकना तो नही भूलते लेकिन दरबार के आसपास के दृश्य को सपनो की तरह जरूर भूल जाते है। मालूम हो कि दुग्धेश्वर मन्दिर शिव महापुराण सहित कई पुराणों में भी उल्लेखित हैं आदि शंकराचार्य ने उज्जैन के महाकालेश्वर के बाद उपलिंगो की स्थापना में इन्हें प्रथम रूप से स्थापित बताया गया हैं। भगवान का शिवलिंग स्वंयम्भू हैं इनके दर्शन मात्र से शिवभक्तों का कल्याण होता हैं। शिवरात्रि के दिन लाखो भक्त आते हैं यहा एक महीने तक मेला लगता हैं सावन के महीने में बाबा के दरबार में सोमवार और शुक्रवार को भारी भीड़ के साथ प्रतिदिन कांवरियों और दर्शनार्थियों का जमावड़ा लगता है बाबा के दरबार में भजन कीर्तन के साथ साथ बाबा का रुद्राभिषेक और अनुष्ठान कार्यक्रम भी आजकल पूरे गति से चल रहा है। पौराणिक महत्व के बाद भी दुर्व्यस्था हमेशा दूर दराज से आये श्रद्धालुओं के बीच चर्चा बनी रहती हैं।