🔴गोरखपुर। चक्शा हुसैन पचपेड़वा में मंगलवार देर रात दीनी महफ़िल सजी। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत कारी मो. हुसैन ने किया। नात-ए-पाक मौलाना शादाब अहमद रज़वी ने पेश की।

मुख्य वक्ता मुफ्ती मो. अज़हर शम्सी (नायब क़ाज़ी) ने कहा कि हालात से मायूस होने के बजाए जरूरी है कि उसे बदला जाए। यह तभी मुमकिन है जब मुस्लिम कौम के नौजवान आगे आएं और अपने किरदार को बदलें। मुसलमानों को चाहिए कि वह अपनी ज़िंदगी पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सुन्नतों पर चलकर गुजारें। दीन का इल्म हासिल कर दीन-ए-इस्लाम के साथ रिश्ता मजबूत किया जाए। दीनी तालीम हासिल करने पर जोर दिया जाए। दुनियावी तालीम भी हासिल की जाए। हलाल कमाई से खुद की और बच्चों की परवरिश की जाए।

विशिष्ट वक्ता मुफ्ती मुनव्वर रज़ा ने कहा कि पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की राह पर चलकर ही ज़िंदगी व आख़िरत को कामयाब बनाया जा सकता है। दीन-ए-इस्लाम के रास्ते पर चलने वाला इंसान किसी का हक़ नहीं मारता है। दीन-ए-इस्लाम में दीनी तालीम बेहद जरूरी है। अगर हमें अपनी कौम को तरक्की के मार्ग पर ले जाना है तो इसके लिए जरूरी है कि नई नस्ल को पैग़ंबर-ए-आज़म, सहाबा-ए-किराम और अहले बैत की पाक ज़िंदगी से अवगत कराया जाए।

अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई। महफ़िल में मौलाना इम्तियाज़ अहमद, हाफ़िज़ अज़ीम अहमद नूरी, क़ासिद रज़ा इस्माईली, मौलाना जैनुल आबेदीन, मौलाना तफज़्ज़ुल हुसैन आदि ने शिरकत की।