🟥गोरखपुर  / 73 वां संविधान संशोधन ने दलित महिलाओं को स्थानीय स्वशासन में आने का मौका तो दिया है परंतु अधिकारों और शक्तियों की जानकारी के अभाव में दलित महिला जन प्रतिनिधि अपने कार्यों को सही ढंग से नहीं कर पाती और साथ ही उनके साथ भेदभाव किया जाता है और उनको अपने कर्तव्यों का निर्वहन भी नहीं करने दिया जाता। इसी को ध्यान में रखते हुए, ऑल इंडिया दलित महिला अधिकार मंच, गोरखपुर द्वारा दिनांक 28/08/2022 को 25 विभिन्न ग्राम पंचायतों से आए दलित पंचायती राज जन प्रतिनिधियों का पूर्वाञ्चल ग्रामीण सेवा समिति, फातिमा अस्पताल के सामने, पादरी बाजार, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।

इन प्रशिक्षण में 73 वें संविधान संशोधन अधिनियम के मुख्य प्रावधान, प्रदेश के पंचायती राज अधिनियम में लिखित शक्तियां व दायित्व व कर्तव्यों के बारे में जानकारी; दलित महिलाओं के मुद्दों पर समझ बनाना, उनके मुद्दों को जन प्रतिनिधि के स्तर से उठाकर उनको हल करना तथा दलित महिलाओं के लाभ के लिए बनी केन्द्रीय व राज्य आर्थिक कल्याण की योजनाओं पर जागरूकता पैदा करने तथा पंचायत बजट पर प्रमुख रूप से प्रशिक्षण दिया गया। इसके साथ ही इन जन प्रतिनिधियों को अपने दायित्वों के निर्वहन में आने वाली चुनौतियों व परेशानियों को भी सुनकर उनके समाधान के लिए संयुक्त प्रयास से रणनीति तैयार की गई।

इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में सुश्री नीतू भारती, केंद्र प्रशासक, महिला कल्याण विभाग, गोरखपुर उत्तर प्रदेश तथा सुश्री संगीत सिंह, बाल संरक्षण अधिकारी, महिला कल्याण विभाग, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश मुख्य अतिथि के रूप में शामिल रहे। इसके साथ ही ऑल इंडिया दलित महिला अधिकार मंच के गोरखपुर उत्तर प्रदेश की क्षेत्रीय समन्वयक सुश्री सुनीता; कानपुर (नगर) कक्षेत्रीय समन्वयक सुश्री अलका देवी; जिला समन्वयक कानपुर (देहात), एडवोकेट रश्मि, जिला समन्वयक उरई तथा सुश्री रीता उन्नाओ से उपस्थित रहे। ऑल इंडिया दलित महिला अधिकार मंच, दिल्ली से राष्ट्रीय कार्यक्रम समन्वयक एडवोकेट ग्रिजेश दिनकर तथा सहायक कार्यक्रम समन्वयक सुश्री सीमा देव ने शिरकत निभाई।

श्री कुलदीप बौद्ध, बुलंदशहर, राष्ट्रीय दलित अधिकार आंदोलन, ने प्रतिभागियों को पंचायत बजट, GPDP आदि पर जानकारी दी।