🔴दरभंगा

महात्मागांधी महाविद्यालय, दरभंगा की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा राजकीय मध्य विद्यालय, सुन्दरपुर, दरभंगा में प्रधानाचार्य की अध्यक्षता में सात दिवसीय विशेष शिविर के चौथे दिन के द्वितीय सत्र का शुभारम्भ आगत अतिथियों द्वारा महात्मा गांधी एवं स्वामी विवेकानंद जी की तसवीर पर पुष्प अर्पित कर किया गया,जिसमें महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ रामदेव चौधरी, मुख्य वक्ता डॉ मदनलाल केवट एवं सह वक्ता प्रो राजकुमार साह आदि उपस्थित थे।
विशेष शिविर के द्वितीय सत्र के प्रथम कालांश में महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ रामदेव चौधरी ने व्याख्यान का विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि सड़क पर यातायात की समस्या का प्रमुख कारण है-“यातायात के नियमों का उल्लंघन”। हम सब सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें तो सड़क पर चलने वाले यात्रियों को कोई कठिनाई नहीं होगी, न तो पैदल चलने वाले को और न ही वाहन से चलने वाले यात्रियों को। एक बात और ध्यान में रखना होगा कि चालक के लिए जो नियम-परिनियम बनाया गया उसे हर संभव पालन करने का प्रयास करना चाहिए, साथ ही सड़क पर चलते समय हेलमेट का उपयोग अवश्य करना चाहिए।
मुख्य वक्ता महाविद्यालय के समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ मदनलाल केवट ने *’सड़क पर यातायात की समस्या’* विषय पर विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि आज जनसंख्या में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी हुई है, उसी प्रकार गाड़ियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है-यह सोचनीय विषय है। चालकों के द्वारा सड़क पर गाड़ियों को बेतरतीब ढंग से चलाएं जाने के कारण ही यातायात की समस्या उत्पन्न होती है तथा शहर में दुकानदारों के द्वारा सड़क को अतिक्रमण किया जाना भी यातायात की एक समस्या है।इससे बचने के लिए लोगों को सरकार द्वारा दिए गए नियमों का पालन करना चाहिए व लोगों के बीच जागरूकता फैलाना चाहिए।
वहीं सह वक्ता महाविद्यालय के जन्तु विज्ञान के शिक्षिक प्रो राजकुमार साह ने कहा सड़क पर यातायात की सबसे बड़ी समस्या चालक के पास धैर्य की है, यह नहीं सोचते कि अगर हम ओवरटेक करके आगे बढ़ते हैं तो सामने वाले चालक को कितनी कठिनाई होगी, इससे जान खतरे में पड़ सकता है। यह नियम के विरुद्ध है । इसीलिए हम सभी को यातायात के नियम के अनुसार सड़क पर चलना चाहिए। सड़क पर अनैतिक रूप से दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण किया जाता है, इसका विरोध करना चाहिए खासकर शहरों में ऐसा देखने को मिलता है ।
शिविर के द्वितीय कालांश में *’विभिन्न प्रकार के प्रदूषण ‘* विषय पर मुख्य वक्ता एम जी कॉलेज, दरभंगा के भौतिकी के प्राध्यापक डॉ राधा कृष्ण प्रसाद ने जल, वायु, मृदा, ध्वनि आदि प्रदूषण पर स्वयंसेवकों को विस्तार से बताया। उन्होंने यह भी कहा कि बड़े बुजुर्गों के द्वारा आशीर्वाद के रूप में ‘चिरंजीवी भव:’ कहने से चीरकाल तक जीवित रह सकते हैं ? अगर हां, तो हमलोगों को व्यवहारिक जीवन में पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने का संकल्प लेना होगा, तभी जाकर इस पृथ्वी पर चीरकाल तक जीवित रह सकते हैं। उन्होंने स्वयंसेवकों से आह्वान किया कि अंग्रेजी के चार ‘आर’- रियूज़, रिड्यूस, रिसाईकल, रिफ्यूज के मूल मंत्र को अपनाना होगा। अगर इस मंत्र को व्यवहार में लाते हैं, तो हम सभी सुरक्षित रहेंगे ही आने वाले समय में भी प्रदूषणन से बचा जा सकता है।
वहीं सह वक्ता के रूप में रसायन विज्ञान के प्राध्यापक डॉ शिव्रत महतो ने ‘जल प्रदूषण’ पर विस्तार से चर्चा किया। उन्होंने बताया कि बोकारो स्टिल फैक्टरी से जो भी गंदगी निकल कर दामोदर नदी के जल में साइनाइड के मिश्रण से जल को प्रदूषित कर देता है। उसी जल को पुनः प्यूरीफायर कर पीने के योग्य बनाकर लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है- जो कतई सही नहीं है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापकों में प्रो प्रेम कुमार, डॉ नसीमुद्दीन, डॉ उत्तीम लाल साहु, डॉ अजय कुमार, डॉ इम्तियाज अहमद, डॉ मोदनारायण मंडल, डॉ एकनारायण पंजियार,प्रो रामकुमार, डा चंद्रा कर्ण, डॉ किरण कुमारी आदि तथा राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों में सुमन कुमारी, नीशी,तुलसी, स्मिता, रितिक,मनोज, राकेश, मो एहसान, खुश रंजन, पुष्कर, कृष्णा आदि की गरिमामयी उपस्थिति रही।
कल प्रथम सत्र में प्राथमिक उपचार व द्वितीय सत्र के प्रथम कालांश में “वर्त्तमान परिप्रेक्ष्य में गांधी दर्शन की प्रासंगिकता” एवं दूसरे कालांश में “विभिन्न प्रकार की कला- मिथिला पेंटिंग, सीकी कला व मेंहदी” पर व्याख्यान आयोजित किया जाएगा।
मंच संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ ज्वाला चंद्र चौधरी तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ अजय कुमार ने किया।