🟥दरभंगा / आज सीoएमo कॉलेज, दरभंगा की एनएसएस इकाई 1एवं 2 तथा आइक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में महात्मा गांधी स्मृति व्याख्यान (महात्मा गांधी की राष्ट्रभक्ति विषयक व्याख्यान ) एवं सांस्कृति कार्यक्रम के अंतर्गत समूह-गान प्रतियोगिता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्रधानाचार्य (प्रिंसिपल) डॉ. अनिल कुमार मंडल जी ने कहा कि महात्मा गांधी का विचार स्वच्छ भारत अभियान, शिक्षा स्वरोजगार, देशीकरण इत्यादि विषय पर आज भी प्रासंगिक है । अहिंसा परमो धर्म: के सिद्धांत पर चलना ही विश्व को एक कुटुंब के रूप में देखना है। विपरीत हालात् में कष्ट सहकर भी अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ अदम्य साहस के साथ आगे बढ़ना ही देश

 

 

 

 

 

को एक सच्चे नेता होने का प्रमाण देना है। अभ्यास के द्वारा ही यह आत्मविश्वास प्राप्त किया जा सकता है । कार्यक्रम में स्वागत संचालन का कार्य कार्यक्रम पदाधिकारी एनएसएस इकाई 1 की प्रोफेसर रितिका मौर्या ने किया जबकि वक्ताओं में महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के प्राध्यापको की उपस्थिति रही, जिनमें अर्थशास्त्र विभाग से प्रोफेसर डॉ आचार्य विकाश कुमार सर जी , राजनीति विभाग से विभागाध्यक्ष डॉ दिव्या झा मैम, समाजशास्त्र विभाग से डॉ रजनी मैम, एनसीसी पदाधिकारी डॉ शैलेंद्र श्रीवास्तव सर जी प्रमुख है । उक्त सभी प्राध्यापकों ने महात्मा गांधी के विचारों को अपने-अपने विषयनिष्ठ दृष्टिकोण से अभिव्यक्त किया, जैसे कि गांधी जी का राजनीतिक चिंतन, गांधी जी का समाजशास्त्रीय चिंतन, गांधी जी का साहित्यिक चिंतन, गांधी जी का आर्थिक-सांख्यिकीय चिंतन इत्यादि । एनएसएस इकाई 1 एवं 2 तथा आइक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में विषय प्रवेश कराते हुए एनएसएस इकाई -2 के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रोफेसर अखिलेश कुमार राठौर ने कहा कि गांधी दर्शन साहित्य बलिदान एवं त्याग की भावना को पुष्ट करती हैं और विश्व बंधुत्व की लोककल्याणकारी राज्य के निर्माण में सेवा त्याग , समर्पण , क्षमा, दया इत्यादि भावना को प्रबल बनाती है । समतामूलक आदर्श विचारों को आत्मसात करके सत्याग्रह , अहिंसा, धैर्य एवं मजबूत इरादे से दलितों, वंचितों, शोषितों, पीड़ितों को अपनी प्रतिभा योग्यता , कार्यकुशलता एवं योग्यता की शक्तियों के दमखम पर एकत्रित किया मानो कि उन सभी बिखरे उंगलियों को संतुलित समन्वित और नियंत्रित करके उन्हें संगठित किया , एकता के सूत्र में बांधा, देश को स्वाधीन बनाने में यही विचारधारा गांधीजी का उत्कृष्ट योगदान रहा , साथ ही साथ स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी दौर में भाषा संप्रेषण के लिए हिंदी भाषा प्रचार समिति वर्धा का गठन उनके द्वारा क्रांतिकारी कदम उठाए गए ,

 

 

जिस भाषा के संप्रेषण से भारत को एकता के सूत्र में बांधने का कार्य किया गया। छायावादी युग में प्रसाद , पंत, निराला ने गांधी के मूल विचारों को अपने काव्य का विषय बनाया । स्वयं पंत के शब्दों में —
सफल आज उसका तप संयम
पिला अहिंसा – स्तन्य – सुधोपम
हरती जन-मन -भव- भय -तम -भ्रम
जगजननी जीवन विकासिनी
भारत माता ग्रामवासिनी !!

कार्यक्रम में अन्य स्वयंसेवको द्वारा भी अपने अपने विचार रखे गए। तथा छात्राओं द्वारा राष्ट्रभक्ति विषय पर सामूहिक गान भी गाया गया।
कार्यक्रम का सफल मंच संचालन एनएसएस के स्वयंसेवक अविनाश झा के द्वारा किया गया जबकि धन्यवाद ज्ञापन एनएसएस के वरीय स्वयंसेवक कुमार सौरभ के द्वारा किया गया…
कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रधान लिपिक विपिन कुमार सिंह राजनीति विज्ञान विभाग के सहायक अध्यापक आलोक रंजन, जयप्रकाश कुमार साहू, अफजल खान,सत्यम कुमार, पूनम कुमारी, पायल कर्ण, शिवानी कुमारी, मीना कुमारी ,मुकुंद चौधरी, आयुष मिश्रा,प्रभास कुमार, अभय सिंह सहित सैकड़ों छात्र छात्राएं एवम अन्य सम्मानित सिक्षेत्कर कर्मी मौजूद थे!