✍️तौफ़ीक़ खान

🟥वाराणसी।।भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी और अपना दल के कार्यालय में महिला और ट्रांसजेंडर के मुद्दों को समय – समय पर समाज से रूबरू कराने का प्रयास कर रहे “दख़ल संगठन” द्वारा जन घोषणा पत्र सौंपा गया।घोषणा पत्र को सौंपते हुए संगठन ने यह मांग की कि पार्टी इसे अपने यूपी विस चुनाव के घोषणा पत्र में शामिल करे और इस पर ख़ास ध्यान दें की यदि सम्बंधित पार्टी सत्ता में आती है तो घोषणा पत्र में दिए गए बिन्दुओं पर प्राथमिकता के आधार पर काम करे।

सङ्गठन की ओर से बात रखते हुए एक महिला कार्यकर्त्री ने कहा कि हम सभी राजनैतिक दलों से मिलकर अपनी बात बतला रहे हैं, जिससे महिला एवम ट्रांसजेंडर की बुनियादी समस्याओं का समाधान हो, उन्हे समाज में भागीदारी का सामान अवसर मिल सके।

घोषणा / मांगपत्र सौंपते समय बिंदुवार पढ़कर सुनाया गया और प्राप्तकर्ता राजनैतिक दल से संवेदनापूर्वक विचार करने का आग्रह किया गया।
भाजपा की ओर से जिला महामंत्री प्रवीण सिंह गौतम ने ज्ञापन लिया। समाजवादी पार्टी कार्यालय में महिला जिलाध्यक्ष रेखा पाल जी ने घोषणा पत्र लिया। और अपना दल की ओर से नीलरतन सिंह पटेल ,उदय पटेल ने ज्ञापन पत्र लिया और विचार करने का आश्वासन दिया है।घोषणा पत्र में उल्लेखित माँग इस प्रकार से हैं :-1- महिलाओं और ट्रांसजेंडर के विरुद्ध यौन उत्पीड़न,बलात्कार, एसिड अटैक जैसी घटनाओं में दोषियों के विरुद्ध जांच, मुकदमे की कार्यवाही और फैसला 4 माह के अंदर आए।
2- शासन,प्रशासन , सत्ता और जन प्रतिनिधियों के विरुद्ध शिकायतों की जांच तीव्र गति से तथा मजिस्ट्रेट स्तर की स्वतंत्र कमेटी द्वारा किया जाए।
3- बलात्कार,हत्या, यौन शोषण के आरोपितो को विधानसभा चुनाव में राजनैतिक पार्टी टिकट न दे।
4- बच्चों,ट्रांसजेंडर और महिलाओं से जुड़ी शिकायतो को देखने वाली ग्राम / वार्ड/थाने /स्कूलों कॉलेजों और जिले से ले कर प्रदेश देश तक की समितियों की भूमिका का मूल्यांकन किया जाए।
5- शिकायत निवारण के लिए बने सभी पदों तथा विशाखा समिति, महिला एवं बाल आयोग और कार्य स्थलों पर सामाजिक कार्यकर्ता ,महिला पुलिस एवम ज्यूडिशियल अफसर जज की नियुक्ति अविलंब की जाय।
6- सभी पुलिसकर्मियों की हर स्तर पर जेंडर और बाल अधिकारों मानवाधिकारों संबंधी प्रशिक्षण एवं परीक्षा अनिवार्य की जाय। मीडिया हाउसेस द्वारा कॉरपोरेट रिस्पॉसिबिलिटी के फंड द्वारा अभियान चला कर जनजागृति के संगठित प्रयास किए जाने को अनिवार्य किया जाए।
7- निर्भया फंड का पारदर्शी एवं अधिकतम सार्थक उपयोग किया जाना सुनिश्चित किया जाना।
8- नई शिक्षा नीति में प्राथमिक शिक्षा पाठ्यक्रम में जेंडर संबंधी समझदारी लाने वाले पाठ शामिल किए जाए।
9- यदि कोई भी सरकारी कर्मचारी ,नेता या व्यक्ति स्वयं अपने विरुद्ध चल रहे मुकदमों शिकायतो को पद और सत्ता का लाभ ले कर स्वयं समाप्त करने का दोषी हो उसे पद से मुक्त किया जाए ।
10- दुष्कर्म मामले में पीड़िता और उसके परिवार को पूर्ण सुरक्षा मिले।
11- सार्वजनिक स्थानों पर ट्रांसजेंडर और महिलाओं के लिए अलग से पर्याप्त संख्या में और साफ सुथरे प्रशाधन कक्ष बने ।
12- लोक सभा ,राज्य सभा ,राज्यो की सभी विधानसभाओं एवं विधान परिषदों में कम से कम 33 प्रतिशत स्थान महिलाओ के लिए आरक्षित किए जाने के लिए कानून बने।
13- विधानसभा चुनावों में 50% महिलाओ के लिए सुनिश्चित किया जाए।
14- सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में कम से कम 33 % आरक्षण महिलाओ के लिए सुनिश्चित किया जाए।
15- पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं को मिले अधिकारों का वास्तविक रूप में अनुपालन होना सुनिश्चित किया जाए।
16- बालिकाओं की स्नातक तक की उच्च गुणवत्ता की शिक्षा की व्यवस्था सरकार द्वारा निशुल्क की जाय।17- आंगनबाड़ी कार्यकर्ती,सहायिका ,आशा कार्यकर्ती, स्कूलों पर नियुक्ति महिला रसोइयों को कम से कम 6000 रुपया प्रतिमाह मानदेय की व्यवस्था हो। इन्हे नियमित किए जाने के लिए कानून बने।
18- विधवा, वृद्धा, दिव्यांग पेंशन कम से कम 5000 रुपए प्रतिमाह हो।19- समान काम का समान वेतन/श्रम मूल्य महिलाओं को मिलना चाहिए।
20- ग्राम पंचायत स्तर पर मातृ शिशु कल्याण केन्द्र की स्थापना सुनिश्चित हो।
21- निम्न आय वर्ग की महिलाओ ,बच्चियों को मुफ्त सेनेटरी नेपकिन उपलब्ध हो।
जन घोषणा पत्र सौंपने वालों में डॉ प्रियंका चतुर्वेदी ( ऐड0 ), नीति, मैत्री, ज्योति, वंदना आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।